धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस बार दिवाली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी। लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है कि धनतेरस 22 या 23 अक्तूबर किस दिन मनाया जाए।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत भी रखा जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरी की जयंती मनाई जाती है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी व अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना लाभकारी माना गया है। इस साल लोगों के बीच कंफ्यूजन है कि आखिर उदया तिथि में धनतेरस का त्योहार 22 या 23 अक्टूबर कब मनाया जाएगा।
त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है। इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है। इस वजह से धनतेरस या धन त्रयोदशी का पावन पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर हो रहा है। जो कि अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी।
इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 01 मिनट से शुरू होगा, जो कि राच 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजन की अवधि लगभग सवा घंटे की है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त लक्ष्मी पूजन करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली की प्राप्ति होती है।