23 अक्तूबर 2022 से दीपावली के पावन पर्व की शुरुआत हो रही है। आपको बता दें कि दीपावली पांच दिनों का पर्व होता है । जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसके बाद छोटी दिवाली और दीपावली मनाई जाती है।
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दिवाली बहुत बड़ा त्योहार है और देश के हर हिस्से में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। पांच दिनों के इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी फिर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है और इसके अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस तरह से पांच दिनों के इस त्योहार का समापन होता है।
ऐसे में लोग कन्फ्यूज हैं कि आखिर छोटी दिवाली यानी नरक चौदस किस दिन है और कब नरक चतुर्दशी का चौमुखी दीपक जलाया जाएगा। धनतेरस का पर्व हमेशा त्रयोदशी तिथि को होता है। इसलिए इसे 23 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। लेकिन कन्फ्यूजन इसलिए हुआ है क्योंकिकि धनतेरस के अगले दिन नरक चौदस होती है। लेकिन इस बार दीपावली है। ऐसे में आपको भ्रमित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप नरक चौदस धनतेरस के अगले दिन ही मनाएंगे और उसी दिन बड़ी दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा।
23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 04 मिनट से नरक चतुर्दशी लग जाएगी जो 24 अक्टूबर को शाम 05:27 तक रहेगी। क्योंकि उदया तिथि के हिसाब से नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को है । इसलिए इसे उसी दिन मनाया जाएगा। वहीं 24 अक्टूबर की शाम 05:28 मिनट से अमावस्या शुरू हो जाएगी, जो 25 अक्टूबर को शाम 04:18 मिनट तक रहेगी। अगले दिन सूर्य ग्रहण है और उस दिन त्योहार नहीं मनाया जा सकता। इसलिए अमावस्या की पूजा यानी बड़ी दिवाली का पर्व भी 24 अक्टूबर को ही होगा।
नरक चतुर्दशी का चौमुखी दीपक जलाने का शुभ समय शाम 5 बजे से 6 बजे तक रहेगा। शाम को 06 बजकर 43 मिनट से दिवाली की पूजा का अति शुभ समय शुरू हो जाएगा। जो रात 08 बजकर 40 मिनट तक रहेगा । दिवाली का शुभ समय रात 08 बजकर 40 मिनट से 10:43 मिनट तक रहेगा। दिवाली की पूजा के बाद पूरे घर को दीपदान से रोशन करें। किसी विशेष कार्य सिद्धि के लिए रात में पूजा का शुभ समय 01:21 मिनट से 03:36 मिनट तक रहेगा।