कार्तिक शुक्ल पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इसे त्रिपुरारि पूर्णिमा, त्रिपुरोत्सव भी कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना सुनकर त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसकी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसलिए इस उत्सव को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक मास में दिवाली के दो पर्व
कार्तिक मास में दो दिवाली के पर्व होते हैं। एक जिन्हें मनुष्य मनाता है और दूसरी दिवाली देवों द्वारा मनाई जाती है। दोनों की दिवाली को देशभर में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या को धरती पर दिवाली का पर्व मनाया जाता है, और कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वर्ग में देवताओं द्वारा दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 19 नवंबर के दिन मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता स्वर्ग से गंगा नदी में स्नान के लिए आते हैं। इसलिए वाराणसी के गंगा घाट को दीयों से जगमग कर दिया जाता है।
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तीन लाख दीपों से जगमग होगी गंगा पार की रेती
विश्व की सांस्कृतिक राजधानी काशी में 19 नवंबर का दिन देव दीपावली की वजह से खास है। देव दीपावली पर काशी के घाटों के साथ गंगा पार रेती पर अलौकिक छटा बिखरेगी। इस दौरान गंगा पार की रेती तीन लाख दीपों से जगमग होगी।
इस दिन की अलग – अलग हैं मान्यताएं
ऐसा माना जाता है कि इस दिन दीप जालकर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन दान पुण्य के हिसाब से शुभ माना जाता है। इस दिन अलग-अलग मनोकामना के लिए अलग-अलग देवी-देवता के आगे दीप प्रज्जवलित किए जाते हैं।
होती है धन प्राप्ति
अगर आपको धन का अभाव है और धन की तंगी में जीवनयापन कर रहे है। तो इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। देव दिवाली के दिन भगवान कुबेर के आगे दीप जला सकते हैं। ऐसा करने से धन की प्राप्ति के साथ फंसा हुआ धन भी वापस आ जाएगा।
प्रेम पाने के लिए जलाएं जाते हैं घी के दीए
अगर आप अपने साथी का प्यार पाने या फिर जीवन में प्रेम पाने के लिए देव दिवाली के दिन श्री कृष्ण के समक्ष गाय के घी का दीप जलाएं। ऐसा करने से साथी का प्रेम तो मिलेगा ही। साथ ही, साथी के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।
रोग निवारण के साथ बिज़नेस में मिलती है तरक्की
ऐसा माना जाता है कि अगर आप या परिवार का कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है तो देव दिवाली के दिन सूर्य देव की मूर्ति या फिर सूर्य यंत्र स्थापित करके उनके आगे दीपक जलाएं। ऐसा करने से रोग से जल्दी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा अगर बिजनेस या कारोबार सही से नहीं चल रहा है तो इस दिन गणेश जी की प्रतिमा के आगे दीपक जलाने से बिजनेस में धन की प्राप्ति होगी।
इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है। इसके साथ ही इस माह में उपासना, स्नान, दान, यज्ञ आदि का भी अच्छा परिणाम मिलता है।