उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मुजफ्फरपुर कांड में लड़कियों से कथित यौन हिंसा और बलात्कार के आरोपों की जांच वाली सीबीआई की रिपोर्ट में दिये गये विवरण को ‘भयानक’ और ‘डरावना’ बताया है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की उच्चतम अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा आश्रय गृह के मालिक बृजेश ठाकुर के खिलाफ की गयी टिप्पणियों को भी संज्ञान में लिया। सप्रीम कोर्ट ने उसे नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं उसे राज्य के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित कर दिया जाये।
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गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि बृजेश ठाकुर एक प्रभावशाली व्यक्ति है। जो जेल में उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। मालूम हो कि बृजेश ठाकुर अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। शीर्ष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चन्द्रशेखर वर्मा का पता लगाने में हुई देरी पर बिहार सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो से स्पष्टीकरण मांगा है।
उच्चतम न्यायालय की न्यायिक पीठ ने बिहार पुलिस को आदेश दिया कि पूर्व मंत्री और उनके पति के यहां से बड़ी संख्या में हथियार बरामद होने के मामले की वह जांच करे।इस आश्रय गृह कांड की वजह से मंजू वर्मा को बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।पीठ ने कहा कि इस मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो के दल में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाये।बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई के लिए न्यायालय 30 अक्टूबर को विचार करेगा।