लखनऊ: मुन्नी भाभी नहीं रहीं, कालजयी साहित्यकार प्रेमचंद जी की नातिन और स्वतंत्रता सेनानी, खूब लड़ी मर्दानी वाली लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान की छोटी बहू का निधन हो गया। प्रो. अशोक चौहान की पत्नी मंजुला चौहान 83 वर्ष की थीं।
सुभद्रा नर्सरी की हुई थी शुरुआत
पिछले 5-7 दिनों से उन पर कोरोनाग्रस्त होने का भी संदेह था। उनके बेटे कार्तिक चौहान पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर झोन में उच्चाधिकारी हैं। लेकिन उन्होंने सुविधा सम्पन्न रेलवे अस्पताल सहित किसी भी अस्पताल में भर्ती होने से इंकार कर दिया था। मुन्नी भाभी ने चार दशक पहले छोटे बच्चों के लिए सुभद्रा जी के खपरैल वाले 3-4 कमरों के छोटे से घर में सुभद्रा नर्सरी शुरू की थी। यहां छोटे बच्चों को शिक्षा दी जाती थी।
एक और पीढ़ी का अंत
मुन्नी भाभी के निधन से प्रेमचंद और सुभद्रा चौहान जी के परिवार की एक और पीढ़ी का अंत हो गया। इन महान लेखकों की कृतियां आज भी खूब पसंद की जाती हैं। प्रेमचंद्र तो हिंदी जगत के महानतम कलमकारों में से एक हैं। उनकी रचना गोदान, गबन, प्रेमचंद्र की कहानियां, नमक का दारोगा कालजयी हैं, इन्हें आज भी उतने ही आदर और लगन से पढ़ा जाता है।