LUCKNOW: MSME 2021 27 जून को देश और विश्व में मनाया गया। कोरोना काल के बाद छोटे और बड़े उद्मियों के लिए यह समय काफी कठिन है क्योकि कोरोना की वजह से उद्यगों को बड़ा नुकसान हुआ है।
ऐसे में अब कोरोना की दूसरी वेव भी कमजोर पड़ चुकी है। और उद्योग-कंपनियां फिर से रफ्तार पकड़ने की कोशिश कर रही है। MSME 2021 डे के दूसरे दिन भारत खबर ने उद्योग जगत के विशेषज्ञों से बातचीत कर उनकी राय ली है।
सुभाष भाटिया ने MSME 2021 पर रखी अपनी राय
MSME के स्पेशल एडिशन में आज हमने सुभाष भाटिया से बात की, सुभाष भाटिया इस समय मुरादाबाद में है वह handicraft development committee के चेयरमैन भी है। हमसे खास बातचीत करते हुए सुभाष भाटिया ने अपनी राय मौजूदा उद्यगों पर रखी।
सरकार सपोर्ट नहीं कर रही-सुभाष भाटिया
सुभाष भाटिया ने मौजूदा हालत पर कहा सरकार की तरफ से ड्रॉ बैक बंद कर दिया गया है। पहले सरकार ड्रॉ बैक लेती थी लेकिन अब यह बिल्कुल ही बंद कर दिया गया है। सरकार की तरफ से उद्मियों के लिए कोई स्कीम नहीं है।
कुल मिलाकर कहे तो सरकार छोटे उद्मियों को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं कर रही है। नए उद्मियों को अपनी कंपनी के लिए कनेक्शन तक नहीं मिल पा रहा है। कच्चे माल के दामों में 60 से 70 फीसदी की बढोत्तरी आई है। जो कि नए उद्मियों के लिए खतरे जैसा है।
पेट्रोल-डीजल के दामों का पड़ रहा असर
सुभाष भाटिया ने आगे हमसे कहा मौजूदा समय देश में पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी से बढ़ रहे है। किसी भी उद्योग और कंपनी के लिए पेट्रोल और खासकर डीजल की आवश्यकता होती है।
डीजल के आसमान छूती कीमते छोटे उद्मियों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। इसके साथ ही पैकिंग मैटीरियल के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।काफी समय से उद्योग जगत को चलाने वाले लोग अपने मुख्यमंत्री से नहीं मिल पा रहे है। अगर हमारी एक मीटिंग मुख्यमंत्री से हो जाए तो हम अपनी समस्याएं उनके सामने रख पाए।
मुरादाबाद के लोग कर रहे दिन रात मेहनत
सुभाष भाटिया ने बताया इस समय वह मुरादाबाद में है। यूपी के इस जिले में लोग दिन रात मेहनत करते है। खासकर यहां का मजदूर वर्ग काफी मेहनती है। जो कि खेती के समय अपने गांव वापस लौट जाता है और बाकी के दिनों में कंपनियों में मेहनत करके कमा लेता है। जिले में सबसे बड़ी समस्या पढ़े लिखे लोगों की है।
यहां छोटे-छोटे गांवों के युवा एमए और बीए करके काम धंधे की तलाश में आते है। इनके पास टेक्निकल नॉलेज नहीं होती है और यह मात खा जाते है। मुरादाबाद के पढ़े लोगों से ज्यादा यहां का मजदूर वर्ग कमा लेता है। जिले के युवा जो की एमए और बीए की डिग्री लेकर निकले है इनकों टेक्कनिकल नॉलेज बढ़ाने की जरूरत है।
कस्टम से मिला नोटिस
सुभाष भाटिया ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हे आज ही कस्टम का नोटिस आया है। कस्टम की तरफ से उनकी 40 फीसदी पेमेंट रिकॉर्ड से बाहर बताई जा रही है। यह नोटिस नोएडा कस्टम की तरफ से भेजा गया है।
सुभाष भाटिया ने आगे कहा सरकार ने खुद अपना डेटा चेक नहीं किया। कि उन्हे मेरी तरफ से रिकॉर्ड मिला है या नहीं। अब मुझे यह रिकॉर्ड चढ़ावाने के लिए बैक जाना होगा। ज्यादातर बैक अपनी पूरी क्षमता पर काम नहीं कर रहे है। इस पूरे प्रोसेस में मेरा काफी समय बर्बाद होगा। सरकार को सबसे पहले खुद अपना डेटा जांचना चाहिए ना कि नोटिस भेज कर लोगों को परेशान करना चाहिए।