प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बाद मेक्सिको के दौरो पर निकल पड़े। दौरा थोड़ा छोटा था मोदी के पास समय की कमी थी लेकिन सफलता बड़ी हाथ लगी। मेक्सिको ने भी भारत को एनएसजी सदस्यता दिलाने में सहयोग को लेकर हामी भर दी। मेक्सिको प्रवास के दौरान मेक्सिकन राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए पीएम मोदी को अपनी गाड़ी में बिठाया और खुद कार चलाकर एक रेस्तदरां ले गए।
एनएसजी के लिए भारत की दावेदारी को मेक्सिको के रूप में एक और अहम देश का समर्थन मिला। मेक्सिको ने 48 देशों के इस समूह में भारत को सकारात्मक एवं रचनात्मक रूप से समर्थन देने की घोषणा की और दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीति साझेदारी में बदलने के लिए एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।
मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेक्सिको एनएसजी में भारत की सदस्यता का सकारात्मक एवं रचनात्मक रूप से समर्थन करता है। प्रधानमंत्री ने इस समर्थन के लिए एनएसजी के एक अहम सदस्य मेक्सिको को धन्यवाद दिया और उसे भारत की उर्जा सुरक्षा के लिए एक अहम साझीदार बताया। अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम पड़ाव में यहां पहुंचे मोदी ने कहा, हम क्रेता-विक्रेता के संबंध से आगे बढ़ना चाहते हैं और एक दीर्घकालिक साझेदारी करना चाहते हैं। हमने हमारे संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए ठोस परिणामों का एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति जताई है। मोदी और नीतो ने इस वार्ता के दौरान व्यापार एवं निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन एवं उर्जा समेत कई मामलों में द्विपक्षीय सहयोग गहरा करने के तरीकों पर बात की।
अमेरिका और एनएसजी के कई अन्य सदस्यों ने परमाणु अप्रसार के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर भारत को समूह में शामिल किए जाने का समर्थन किया है। एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और यदि एक भी देश इसके खिलाफ मतदान करता है तो इसकी दावेदारी समाप्त हो जाएगी। भारत पिछले कई वर्षों से इस गुट का सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है और उसने 12 मई को इस संबंध में औपचारिक आवेदन दिया था। ऐसे में भारत की तरफ से इन देशों के मनाने की जो कोशिश चल रही है उसमें प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद ही अहम हो गया।
(गंगेश कुमार ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार)