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मोदी की विदेश यात्राः देश पांच, सफलताएं अनेक

Modi 1 मोदी की विदेश यात्राः देश पांच, सफलताएं अनेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का अमेरिका दौरा पिछले दौरों से थोड़ा अलग था। इस बार मेडिसन स्कॉयर जैसा धूम धड़ाका नहीं होना था लेकिन धमाका तो उससे भी बड़ा हुआ। अमेरिकी संसद में मोदी का संबोधन पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गया। भारत और अमेरिका एक-दूसरे के इतने करीब आते दिखे जो शायद किसी के भी सोच के परे होगा। अमेरिका ने मिसाइल क्लब में भारत की एंट्री करा दी। और न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने को तैयार हो गया।

Modi Obama

ये मोदी का प्रधानमंत्री बनने के बाद चौथा अमेरिकी दौरा था। बराक ओबामा से मोदी 7वीं बार मिले। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने यूएस कांग्रेस की ज्वाइंट मीटिंग को भी संबोधित किया। अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले मोदी छठे भारतीय प्रधानमंत्री थे। अमेरिकी कांग्रेस में मोदी का मैजिक ही था कि उनके भाषण के दौरान 72 बार तालियां बजीं, 3 बार ठहाके लगे और उन्हें 9 बार स्टैंडिंग ओवेशन मिला और वहां प्रवेश पर लगातार 4 मिनट से ज्यादा समय तक पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिभाषम के समाप्ति पर वहां के सांसद मोदी से ऑटोग्राफ लेते दिखे यानि भारती कुटनीति की एक और बेहतरीन सफलता का उदाहरण बना यह दौरा। मोदी ने यूएस कांग्रेस में खड़े होकर पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला और याद दिलाया कि आतंकवाद दुनिया की आर्थिक तरक्की और शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि भारत के पड़ोस में आतंकवाद पल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से भी निवोशकों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और कहा कि 7.6 फीसदी ग्रोथ रेट के साथ भारत ही अमेरिकी निवेश के लिए स्वाभाविक जगह है।

मोदी का यह अमेरिकी दौरा भारत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ। न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप की सदस्यता के लिए अमेरिका ने भारत का समर्थन किया। वहीं अमेरिका के सहयोग से भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम की सदस्यता मिल गई। क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में भी अमेरिका से भारत को मदद का भरोसा मिला। पेरिस क्लाइमेट चेंज समझौते में भारत की भूमिका को मान्यता भी मिल गई। वहीं अमेरिकी कंपनियों ने भारत में अगले 2-3 सालों में 45 अरब डॉलर के निवेश का वादा भी किया। राजनीतिक मोर्चे की बात करें तो अमेरिका ने पाकिस्तान को भी भारत में हुए पठानकोट हमले के हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए चेतावनी दे दी। भारत और अमेरिका ने परमाणु ऊर्जा और आतंकवाद के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का करार किया। रक्षा क्षेत्र, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के करार के साथ ही साइबर सुरक्षा सहयोग पर भी समझौता हुआ।

आगे मैक्सिको की यात्रा

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