मेरठ। उत्तर प्रदेश के क्राइम जोन में गिने जाने वाले मेरठ शहर को अपराधियों से मुक्त करने के लिए कैमरों से निगरानी रखने का काम किया जाएगा। मेरठ ट्रैफिक पुलिस ने एक करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला अत्याधुनिक कंट्रोलरूम तैयार किया है। इसके जरिए शहर से गुजरने वाली हर सड़क की निगरानी की जाएगी, जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस की नजर से कोई नहीं बच पाएगा।
पुलिस का जमीनी मुखबिर तन्त्र खत्म होने के बाद कानून-व्यवस्था की बागडोर कैमरों के हाथ होगी। मेरठ शहर के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए निजी कंपनी के साथ मिलकर पुलिस ने एक अल्ट्रा मार्डन कंट्रोल रूम तैयार किया है। इस कंट्रोलरूम में लगी एलईडी स्क्रीन्स पर चौबीसों घंटे शहर में हो रही एक-एक हरकत कैद होगी। शहर के अलग-अलग मोबाइल टावर्स पर लगे 228 पावरफुल कैमरे इस कंट्रोलरूम को पल-पल की जानकारी लाइव देगें। बता दें कि प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस के लिए ये पहला अल्ट्रामार्डन कंट्रोल रूम है।
ये कैमरे शहर के जाम, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों और ट्रैफिक पुलिस की हरकत पर नजर रखेगे। तीसरी आँख डायल हन्ड्रैड और ट्रैफिक एन्जिल्स पर भी होगी। कंट्रोल रूम में जाम दिखने पर शहर के प्वाइंट्स पर मौजूद पुलिस सहायता तत्काल मुहैया कराई जा सकेगी। इसके अलावा अपराध पर नकेल कसने में भी इस कंट्रोलरूम का अहम रोल होगा। इन कैमरों के साथ लगे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे अपराध करके भाग रहे बदमाशों के वाहनों के नंबरों पर फोकस करेगा जिससे अपराधी को ट्रेस किया जा सकेगा।
संवाददाता-
शानु भारती