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वाराणसी: अब मिड-डे मील में मशरूम, बच्‍चों को लाभ और महिलाओं को मिलेगा रोजगार

वाराणसी: अब मिड-डे मील में मशरूम, बच्‍चों को लाभ और महिलाओं को मिलेगा रोजगार

वाराणसी: उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी जिले में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिले में मध्यान भोजन यानी मिड-डे मील परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय MoU पर हस्ताक्षर किया गया है।

इस योजना से स्वयं सहायता समूह एवं किसान उत्पादक कंपनी (FPC) की महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए आत्म-सम्मान से आत्म-निर्भरता की ओर एक नई पहल की गई है। यह पहल डीएम कौशल राज शर्मा व मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी के दिशा-निर्देश में हुई।

त्रिपक्षीय एमओयू पर किए गए हस्‍ताक्षर

इसके तहत टेक्निकल सपोर्ट यूनिट, यूपी कृषि विभाग के समर्थन द्वारा राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बेसिक शिक्षा विभाग एवं जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड (FPC) जयापुर, वाराणसी के बीच त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

इस MoU के अंतर्गत प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्‍कूल के बच्चों को मीड-डे मील योजना में सप्ताह में एक दिन (प्राइमरी में 15 ग्राम व अपर प्राइमरी में 20 ग्राम) मशरूम उपलब्‍ध कराया जाएगा। मशरूम में पोष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है। ऐसे में मशरूम के मिड-डे मील में शामिल होने से बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा तो वहीं, महिलाओं की आय दोगुनी होगी।

अराजीलाइन ब्‍लॉक बनेगा मशरूम ब्लॉक

जिले में समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम की आपूर्ति एफपीसी द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही साथ एफपीसी मशरूम का मूल्य संवर्धन करते हुए सदस्यों को बेहतर मार्केट दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। योजना की शुरुआत में अराजीलाइन ब्‍लॉक की समूह की महिलाओं को शामिल किया जाएगा। इनके द्वारा प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन के बाद मशरुम का उत्पादन कर प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी विद्यालय में आपूर्ति की जाएगी। पहले चरण में योजना के अंतर्गत जिले के अराजीलाइन ब्‍लॉक को ‘मशरूम ब्लॉक’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

प्रतिमाह 3500 रुपए होगी महिलाओं की आमदनी

इस योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे जिले में लागू किया जाएगा, जिससे अन्य ब्‍लॉकों की ज्‍यादा से ज्‍यादा महिलाओं को रोजगार का अवसर मिल सके। साथ ही इसके द्वारा पूरे जिले के लगभग 1,367 विद्यालयों के एक लाख 80 हज़ार से अधिक बच्चों को मशरूम उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत काम में शामिल हर समूह की महिला को प्रतिमाह करीब 3500 रुपए की आमदनी होगी।

इस अवसर पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी, उपायुक्त एनआरएलएम दिलीप कुमार सोनकर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह, उप कृषि निदेशक स्मिता वर्मा, जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसी) शार्दूल विक्रम चौधरी व टेक्निकल सपोर्ट यूनिट कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फॉउंडेशन समर्थित) से प्रदीप कुमार, चित्रलेखा धर सहित अन्य संबंधित लोग उपस्थित रहे।

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