रेलवे का सफर करने वाले यात्रियों को जबलपुर रेलवे स्टेशन बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसी के साथ ही मदनमहल रेलवे स्टेशन ने भी अपनी सुविधाओं में इजाफा किया है। लेकिन शहर का तीसरा रेलवे स्टेशन इन सुविधाओं से काफी दूर है। सुविधाओं की तो छोड़िए यहां पर तो स्टेशन पर प्लेटफार्म तक नहीं है ऐसे में यात्रियों को पटरियों से एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है।
आपको बता दें पश्चिमी मध्य रेलवे एवं जबलपुर रेल मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया गया। लेकिन इस रेलवे स्टेशन से महल 9 किलोमीटर की दूरी में स्थित आधारताल रेलवे स्टेशन को सुविधाओं से दूर रखा गया है। रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं के नाम पर गिने चुने बेल्ट और लाइट के खंबे लगे हैं।
आपको बता दें इस रेलवे स्टेशन की ऐसी हालात तब से है जब जबलपुर में पश्चिमी मध्य रेलवे के मंडल और जोन मुख्यालय वाले दोनों हैं।
कहां अटकी है हाई लेवल प्लेटफार्म बनाने की फाइल
आपको बता दें आधारताल रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म है और यह दोनों ही प्लेटफार्म हाई लेवल प्लेटफॉर्म सुविधाओं से वंचित है। हाई लेवल प्लेटफार्म का मतलब यह है कि ट्रेन के कोच के बराबर रेलवे प्लेटफार्म। लेकिन इस रेलवे स्टेशन पर ऐसी सुविधा नहीं है जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन में सवार होने के लिए ट्रेन में लगी सीढ़ियों का उपयोग करना पड़ता है। जो महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए परेशानी का कारण है। हालांकि जबलपुर रेल मंडल ने आधारताल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को हाईलेवल प्लेटफार्म बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था और पश्चिमी मध्य रेलवे जोन भेजा था। लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर जोन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह प्रस्ताव जोन की फाइलों में कहीं दबा पड़ा हुआ है।
हाई लेवल प्लेटफॉर्म प्रस्ताव क्या है
आधारताल रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म में से एक प्लेटफार्म को हाई लेवल प्लेटफार्म बनाना था ताकि यहां पर रुकने वाली गाड़ियों में पैसेंजर सुपर फास्ट इंटरसिटी मैं यात्रा करने वाले लोगों को ट्रेन में सवार होने के लिए कोई खतरा मोल ना लेना पड़े वही रेलवे स्टेशन ने दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज भी बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। फुटओवर ब्रिज बनने के बाद दूसरे प्लेटफार्म को भी हाई लेवल प्लेटफार्म बनाया जा सकता है। लेकिन अभी तक इन दोनों ही प्रस्ताव पर पर पमरे जोन का कोई निर्णय सामने नहीं आया है।
फ्लाईओवर ब्रिज का काम भी है अधूरा
महाराजपुर से आधारताल रेलवे स्टेशन तक जाने के लिए फ्लाईओवर ब्रिज बनाया जा रहा है। जिसका कार्य बीते 4 सालों से जारी है। जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के पास है। रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने वाले इस ब्रिज के लगभग 16 मीटर का हिस्सा बनाने की जिम्मेदारी परमे जोन को सौंपी गई थी। हालांकि विभाग की ओर से इस कार्य को पूरा कर दिया गया है और अब इन दोनों ब्रिज को मुख्य सड़क से जोड़ना बाकी है। जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। ऐसे में ब्रिज का काम अभी भी अधूरा है। जिससे लोगों को फायदा नहीं हो पा रहा।