चंडीगढ। पंजाब में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है और धीरे-धीरे पंजाब में पार्टी पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। दरअलस सर्द हवाओं में हुए निगम चुनाव हारने के बाद पार्टी भी ठिठुर गई है। आलम ये हो गया है कि पंजाब के पार्टी प्रभारी और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रदेश का आधिकारिक दौरा भी काफी समय से नहीं किया है। प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने प्रधानगी का ताज पहनने के बाद से ही पहले खुद को पार्टी की तमाम गतिविधियों से दूर कर लिया है। नतीजतन, अगले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की हवा अभी से निकलती दिखाई देने लगी है।
विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने तमाम विरोध के बाद भी पंजाब की सियासत में सत्ता पलट करने की भरसक कोशिशें की थीं। लोगों का अच्छा समर्थन पार्टी को विधानसभा चुनाव से दो सप्ताह पहले तक मिला था। इसके बाद अचानक से कट्टरपंथियों के समर्थन को लेकर खुली पार्टी की पोल के बाद पंजाब के लाखों मतदाताओं ने आप से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा खिसकते जनाधार को बचाने को लेकर की गई तमाम कोशिशें भी रंग नहीं ला सकीं। विधानसभा चुनाव में 80 सीटों का सपना देखने वाली आप सूबे में 20 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।
वहीं लगातार कमजोर होते जा रहे संगठन को लेकर आप के प्रदेश उप प्रधान व सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि संगठन कमजोर हो रहा है या प्रभारी व प्रधान को इसकी परवाह नहीं है। भगवंत मान ने लगातार लोकसभा में मोर्चा संभाल रखा है। वह लोकसभा में पंजाब के मुद्दे उठा रहे हैं। जब भी समय मिलता है तो वह अपने हलके में दौरा करते हैं। रहा सवाल सिसोदिया का तो उनका भी पंजाब दौरा जल्द होने वाला है। वह लगातार पंजाब की लीडरशिप के संपर्क में हैं। हम लोग सारे मुद्दों पर प्रधान व प्रभारी के साथ विचार-विमर्श करके ही आगे की रणनीति तय करते हैं।