पटना। बिहार में लोकसभा की अररिया और विधानसभा की जहानाबाद एवं भभुआ सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस के राजद का पिछलग्गू बनने का मुद्दा बनाकर कांग्रेस के टूटने के आसार बढ़ रहे हैं। कांग्रेस भभुआ विधानसभा सीट की दावेदार हैं। राजद छोड़ने को तैयार नहीं है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पार्टी की संसदीय बोर्ड की मंगलवार को बैठक के बाद ने कहा कि यदि कांग्रेस उपचुनाव लड़ना चाहती है तो उससे बात होगी। उधर बसपा ने भभुआ से चुनाव लड़ाने की घोषणा कर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार देने की मुहिम को झटका दे दिया है।
बता दें कि कांग्रेस के नेता और पूर्व स्पीकर सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस भभुआ से हर हाल में चुनाव लड़ेंगी। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि महागठबंधन के लिए पार्टी सम्मानजनक समझौता करें। अररिया और भभुआ सीटों पर दावेदारी करें। राजद का पिछलग्गू बन कर नहीं रहे। उन्होंने कौकब कादरी को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाते रखने पर भी सवाल उठाया और कहा कि या तो उन्हें नियमित रूप से अध्यक्ष बना दिया जाय या किसी अन्य को नया अध्यक्ष बनाया जाय। नीतीश सरकार से बढ़ती नजदीकी और पार्टी को टूटने का खतरा देख अशोक चौधरी को हटाकर कादरी को अस्थायी अध्यक्ष बना दिया गया है।
वहीं कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक खुलकर अशोक चौधरी के साथ हैं और विधान परिषद में पार्टी के छह में चार सदस्य अशोक चौधरी सहित एक साथ हैं। 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव में राजद के सभी तीन सीटों पर लालू की घोषणा के अनुरूप चुनाव लड़ाने पर परिषद के चार कांग्रेसी सदस्य टूटकर नीतीश के साथ होने की घोषणा कर सकते हैं। जदयू विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफा और राजद में शामिल होने का राजनीतिक बदला कांग्रेस से लेने के आसार हैं।