नई दिल्ली। पांचों राज्यों में भले ही विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हो लेकिन सिसासी हलचल अभी भी जारी है। जहां एक यूपी और उत्तराखंड में भाजपा ने अपने प्रचंड बहुमत से विरोधियों के हौसले पस्त कर दिए तो वहीं भाजपा ने जोड़-तोड़ करके गोवा के बाद अब मणिपुर में अपनी सरकार बनाने जा रही है। लेकिन ये जीत भाजपा के लिए कई मायनों में अहम है जिसमें एक तो ओर कई राज्यों में भाजपा की सरकार की संख्या में इजाफा हुआ तो वहीं वो अब अपनी स्वेच्छा से राष्ट्रपति का चुनाव कर सकती है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इसी साल जुलाई में खत्म हो जाएगा ऐसे में इस गद्दी पर कौन काबिज होगा इसकी अटकले तेज हो गई हैं। वहीं ऐसी खबरें आ रही है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने सोमनाथ में हुई एक बैठक में राष्ट्रपति की कमान के लिए लाल कृष्ण आडवाणी को का नाम आगे किया था। सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी ने कहा था कि अगर यूपी में चुनाव के नतीजे पार्टी के मनमुताबिक हुए तो अगले राष्ट्रपति आडवाणी हो सकते है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रपित की गद्दी पीएम की तरफ से अपने गुरु आडवाणी के लिए एक तरह की गुरु दक्षिणा होगी।
बता दें कि मोदी और आडवाणी का रिश्ता काफी खास है। साल 1990 में सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा शुरु की थी तब उन्होंने अपने सारथी के रुप में मोदी को प्रोजक्ट किया था। और यहीं से मोदी की राजनीति में सही तौर पर इंट्री हुई थी। यही नहीं बल्कि मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने में आडवाणी ने अहम रोल भी निभाया था।