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जाने क्या है गांधी परिवार की इन 3 ट्रस्टों का राज, जिसकी जांच करेगा गृह मंत्रालय

सोनिया गांधी जाने क्या है गांधी परिवार की इन 3 ट्रस्टों का राज, जिसकी जांच करेगा गृह मंत्रालय

79 सालों तक केंद्र में सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पर गृह मंत्रालय ने शिकंजा कसने की ठानी है।

नई दिल्ली। 79 सालों से केंद्र में सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पर गृह मंत्रालय ने शिकंजा कसने की ठानी है। गृह मंत्रालय कथित वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर जांच करेगा। गृह मंत्रालय ने इसके लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करने का काम करेगी। जांच की अगुआई ईडी के एक स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। इस बात का पता लगाया जाएगा कि गांधी परिवार से जुड़े दोनों ट्रस्टों ने नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया।

दरअसल, भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच जब कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेरने में जुटी थी। ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से आरोप लगाया गया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलती थी। इतना ही नहीं नड्डा ने कहा था कि मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते 1991 के बजट में फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपए दिए थे। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि बीजेपी चीन से जारी सीमा विवाद के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है।

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राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सपने को पूरा करने और उनके लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए 21 जून 1991 को सोनिया गांधी ने इसकी शुरुआत की थी। गांधी परिवार इस फाउंडेशन के जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और तकनीक, महिला एवं बाल विकास, दिव्यांग सहयोग, शारीरिक रूप से निशक्तों की सहायता, पंजायती राज, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आदि क्षेत्रों में काम करता है। संघर्ष से प्रभावित बच्चों को शैक्षणिक मदद, शारीरिक रूप से निशक्त युवाओं की गतिशीलता बढ़ाने और मेधावी भारतीय बच्चों को कैंब्रिज में पढ़ने हेतु वित्तीय सहायता आदि जैसे कार्यक्रम फाउंडेशन की ओर से चलाए जाते हैं।

वहीं राजीव गांधी फॉउंडेशन का कामकाज डोनेशन से मिलने वाली रकम से चलता है। इस फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डा. शेखर राहा, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं।

राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन

राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन साल 2002 में हुआ था। इसके उद्देश्यों में देश के वंचित समाज, खासकर ग्रामीण गरीबों के विकास संबंधी जरूरतों की पूर्ति में मदद करना शामिल है। यह ट्रस्ट इस समय राजीव गांधी महिला विकास परियोजना तथा इंदिरा गांधी आई हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर परियोजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के बेहद पिछड़े इलाकों में काम कर रहा है। यह ट्रस्ट उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में महिला सशक्तीकरण के लिए सक्रिय है।

इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट का काम

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना 1985 में गई। यह ट्रस्ट पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के जीवन के आदर्शों को प्रचारित करने के साथ-साथ उनकी यादों को सहेजकर रखने का काम करती है। इस ट्रस्ट के जरिए कांग्रेस पार्टी नेहरू-गांधी के विचारों को लेकर शोध कराने से लेकर तमाम सामाजिक कार्य करने का काम करती है। इसके अलावा हर साल इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फोटो प्रदर्शनी लगाता है।

इंदिरा गांधी मेमोरिल ट्रस्ट’ 1986 से हर साल विश्व के किसी ऐसे व्यक्ति या संगठनों को ‘इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार’ प्रदान करता है, जिसने समाज सेवा, निरस्त्रीकरण या विकास कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस पुरस्कार में 25 लाख रुपये रुपये नकद, एक ट्रॉफी और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है। इंदिरा मेमोरियल ट्रस्ट उत्कृष्ट कार्य और उपलब्धियों के लिए 30 अंतरराष्ट्रीय हस्तियों और संस्थानों को सम्मानित कर चुका है।

इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार का पात्र होने के लिए एक लिखित कार्य प्रकाशित होना चाहिए। जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को 2013 में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके अलावा साल 2012 में लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ को और साल 2011 के लिए सामाजिक कार्यकर्ता इला रमेश भट्ट को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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