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उत्तराखंड सरकार ने दी 1020 नर्सों की नियुक्ति करने की मंजूरी

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उत्तराखंड में बुधवार को सीएम रावत की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल का बैठक हुई।

देहरादून। उत्तराखंड में बुधवार को सीएम रावत की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल का बैठक हुई। जिसमें कोविड-19 से लड़ने के लिए अस्पतालों नर्सिंग और डॉक्टरों का स्टाफ बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। प्रदेश में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के तहत सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की जरूरत है। इसके लिए कैबिनेट ने 1020 नर्सों की नियुक्ति करने के लिए मंजूरी दे दी है। भर्ती से चयनित नर्सों को प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में मानकों के अनुरूप तैनात किया जाएगा।

बता दें कि  प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ने आईपीएचएस मानकों के तहत सभी सरकारी अस्पतालों की श्रेणी तय की है। आईपीएचएस के मानकों को पूरा करने के लिए अस्पतालों में लगभग चार हजार से अधिक स्टाफ नर्सों की कमी है।  पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग ने आईपीएच मानकों के अनुसार डॉक्टरों की तैनाती कर दी है। दूसरे चरण में नर्सों की तैनाती करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

अस्पतालों की श्रेणी

सरकार ने आईपीएचएस मानकों को लागू करने के लिए संयुक्त चिकित्सालय, बेस अस्पताल, जिला व महिला अस्पतालों का समायोजन किया है। अब प्रदेश में पीएचसी टाइप ए 525, पीएचसी टाइप बी 52, उप जिला अस्पताल 21, जिला अस्पताल 16 बनाए गए हैं।

इसके साथ ही बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास किए गए। इसकी जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी। इसके अलावा गंगा किनारे स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने और किसानों के हित में भी फैसला लिया गया।  महाकुंभ 2021: हरिद्वार समेत चार जिलों में 235 हेक्टेयर प्राइवेट भूमि अधिग्रहण करने की तैयारी

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इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

  1. कोविड स्वास्थ्य सेवा एवं मेडिकल कॉलेज भर्ती के लिए 1020 नर्सिंग स्टाफ को तत्काल भरने का निर्णय लिया गया है।
  2. कैम्पा योजना निधि प्रबन्धन के लिए विभागीय ढ़ांचे को 29 पद की मंजूरी।
  3. उत्तराखण्ड राज्य परिवहन निधि नियमावली 2020 में संशोधन करते हुए प्राप्त धनराशि सीधे ट्रेजरी में लेने के निर्देश।
  4. उत्तराखण्ड स्टोन क्रेशर प्लांट, मोबाईल, हॉट मिक्स प्लांट निति 2020 के अन्तर्गत कृषि मंत्री की संस्तृति के आधार पर गंगा नदी के किनारे 1.5 किमी, मैदानी नदी के किनारे एक किमी, बरसाती नदी के किनारे 500 मीटर तक प्लांट लगाने की अनुमति दी गई।
  5. उत्तराखण्ड खनिज अवैध खनन भण्डारण नियमावली 2020 को अनुमति। शासन स्तर से जिलाधिकारी स्तर पर अधिकार दिया गया। मोबाइल स्टोन क्रशर के लिएदो वर्ष, रिटेल भण्डारण हेतु पांच वर्ष की अनुमति। लाइसेंस शुल्क 25,000 हजार रहेगा। क्रय विक्रय नगद पर प्रतिबंध।
  6. औद्योगिक नियोजन आर्दश नियमावली 1992 के तहत कर्मकारों को रखने के लिए नियत अवधि नियोजन कर्मकार नियमावली 2020 लाया गया।
  7. उद्योग विभाग में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नियमावली को मंजूरी। विभागीय चयन समिति के स्थान पर समुह ग के अन्तर्गत पद पर चयन उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगा।
  8. ऋषिकेश भोगपुर मैसर्स गंगा डिजायन स्टूडियोफर्म के न्यूनतम मार्ग में छूट दी गई।
  9. देहरादून अर्बन सिलिंग होम के लिए एमडीडीए को स्थानांतरित भू उपयोग भूमि के लिपिकीय त्रुटि में सुधार।
  10. मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त धनराशि में पारदर्शिता के लिए वित्त विभाग के अधिकारी को रखा जायेगा। अभी तक 15 मार्च से 26 जून 2020 तक कुल 154 करोड़ 56 लाख रूपये प्राप्त किया गया। इनमें से 85 करोड़ 60 लाख व्यय किया गया।
  11. राज्य सरकार के कल्याणकारी नीति के प्रचार प्रसार हेतु भारत सरकार की एजेंसी ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट लिमिटेडसे अनुबंध किया गया।
  12. उत्तराखण्ड विज्ञापन अनुश्रवण समिति में भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य के स्थान पर वरिष्ठ पत्रकार को लेने की अनुमति।

ये प्रस्ताव भी हुए पास

  1. श्रम विभाग में इएसआई चिकित्साधिकारी के लिए प्रेक्टिस भत्ता देने की अनुमति।
  2. एकीकृत आर्दश कृषि ग्राम योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंजूरी। 95 ब्लॉक में 95 ग्राम पंचायत का चयन करके 100 कृषकों हेतु 10 हैक्टेयर का क्लस्टर बनेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 15 लाख रूपये सीड मनी के रूप में दिया जाएगा।
  3. अमृतसर, कलकता इंडस्ट्रीयल समेकित निर्माण समूह, उधम सिंह नगर में, फिल्म सिटी, साईबर पार्क, एसइजेड के लिए तीन हजार एकड़ भूमि में से प्रथम चरण के लिए एक हजार एकड़ भूमि दी जायेगी।
  4. राज्य सरकार की भूमि के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा निलामी न्यूनतम बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन प्रक्रिया की जाएगी। पर्यटन, उद्योग, पेयजल व उर्जा इत्यादि विभाग को सूखा अधिकार के तहत सर्किल रेट पर भूमि दी जायेगी लेकिन इसका प्रयोग सार्वजनिक कार्यों के लिए भी होगा।
  5. ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में 2220 रूपये जल संयोजन को कम करके केवल एक रूपये संकेत के रूप में लेने का निर्णय लिया गया है।
  6. श्रीकोट सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज के लिए 0.326  हैक्टेयर पट्टे पर दी गई भूमि का नजराना और मालगुजारी को निशुल्क करने का निर्णय लिया गया।
  7. नर्सिंग शिक्षक सेवा नियमावली को मंजूरी।
  8. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी कृषक कल्याण योजना के ऋण सीमा शुन्य प्रतिशत पर बढ़ाकर एकलाख से तीन लाख किया गया। इसके अन्तर्गत तीन लाख 68 हजार कृषक, 1247 स्वंय सहायता समुह लाभान्वित होंगे।
  9. विधानसभा सदस्यों के लोन लेने की नियमावली संशोधन किया गया।

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