नई दिल्ली: मध्यप्रदेश का सीएम बनते ही कमलनाथ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। चाहे वह किसानों की कर्ज का ऐलान हो या फिर प्रशासनिक फेरबदल हो। वैसे ही आज सरकार बनते ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को फिर सरकारी बंगला अलॉट हुआ है। दिग्विजय सिंह ने कोर्ट के आदेश के बाद श्यामल हिल्स स्थित बंगला खाली किया था।
दरअसल यह बंगला दिग्विजय सिंह को राज्यसभा सांसद होने के नाते दिया गया है।
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आपको बता दें कि इससे पहले हाइकोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद सरकार ने भी आदेश जारी किया और पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले का आवंटन निरस्त कर दिया। इसके कुछ दिन बाद नए आदेश जारी हुए। इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके बंगले फिर से दे दिए गए। लेकिन जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला देने की बारी आई तो इसमें खेल हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला दोबारा अलॉट करते समय शिवराज सरकार ने बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों का ध्यान तो रखा लेकिन कांग्रेस सरकार में सीएम रहे दिग्विजय सिंह को किनारे कर दिया था। उस वक्त शिवराज सरकार ने जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले फिर से अलॉट किये थे उनमें बीजेपी की उमा भारती, बाबूलाल गौर और कैलाश जोशी के नाम तो थे, लेकिन 10 साल तक एमपी के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का नाम नहीं था।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पहले भी शिवराज सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद कमलनाथ के पास बंगले आवंटन की लम्बी लिस्ट आई है. जिस पर विचार विमर्श चल रहा है. हालांकि, अब तक पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सांसद विवेक तन्खा को बंगला आवंटित नहीं किया है।