नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सियासत जारी है। और सभी की निगाहें अब चुनाव के नतीजों पर टिकी हुई हैं जो तस्वीर मंगलवार को मतगणना के बाद ही साफ होगी। एग्जिट पोल की अगर बात करें तो ये त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में सभी की निगाहें पूरी तरह से जेडीएस पर टिक गई हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी हो रही है या 2008 के बाद एक बार फिर बीजेपी सरकार बना पाएगी इसका फैसला अब सिर्फ और सिर्फ मतगणना पर टिक गया है।
एग्जिट पोल के अनुसार
एग्जिट पोल की अगर बात करें तो जेडीएस को सभी एग्जिट पोल में 30 से 35 सीटें मिलती दिख रही हैं। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों के जादुई आंकड़ों तक पहुंचने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को जेडीएस की जरूरत पड़ सकती है। अब सवाल ये है कि जेडीएस इनमें से किसके साथ जाना पसंद करेगी? इसके लिए जनता दल सेक्युलर की सियासत को समझने की जरूरत है। पार्टी का दांव, धार्मिक-जातिय समीकरण, विचारधारा और कमजोर-मजबूत पक्ष क्या है।