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राहुल के वार पर जावड़ेकर का पलटवार, बोले- प्रोफेसर के सवालों से भागते छात्र है राहुल गांधी

WhatsApp Image 2021 01 19 at 5.23.17 PM राहुल के वार पर जावड़ेकर का पलटवार, बोले- प्रोफेसर के सवालों से भागते छात्र है राहुल गांधी

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दो महिने से लगातार किसान आंदोलन जारी है। राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। इसी बीच विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है खासतौर से राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। आज कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना सादा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कृषि कानून खेती को बर्बाद कर देंगे। मैं इनका विरोध करता रहूंगा। मैं जेपी नड्डा के सवालों का जवाब नहीं दूंगा, सिर्फ किसानों और देश के सवालों का जवाब दूंगा।

 

 

राहुल गांधी की इसी बात का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि राहुल गांधी जेपी नड्डा के सवालों से भाग गए हैं। आपको बतादें कि राहुल गांधी से जब प्रकारों ने जेपी नड्डा के सवाल का जवाब मांगा तो राहुल गांधी ने कहा- कौन जेपी नड्डा? कौन हैं वो? जो मैं उनके सवालों के जवाब देता फिरूं। राहुल गांधी ने कहा- मैं जेपी नड्डा के सवालों का जवाब नहीं दूंगा, सिर्फ किसानों और देश के सवालों का जवाब दूंगा।  राहुल गांधी की इसी बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि किसानों और सरकार में बात हो। इसी के साथ जावड़ेकर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी ऐसे छात्र हैं जो प्रोफेसर के सवालों से भागते हैं।

 

राहुल गांधी ने कहा, ‘आज देश के सामने एक त्रासदी आ गई है, सरकार देश की समस्या नजरअंदाज करना चाहती है और गलत सूचना दे रही है। मैं अकेले किसानों के बारे में बोलने वाला नहीं हूं। किसानों का संकट इस त्रासदी का एक हिस्सा मात्र है। यह युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यह वर्तमान के बारे में नहीं बल्कि आपके भविष्य के बारे में है।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कोशिशों के बावजूद किसान थकने वाले नहीं हैं क्योंकि ‘वे प्रधानमंत्री से ज्यादा समझदार हैं।’

 

जारी की ‘खेती का खून’ बुकलेट-

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कृषि कानूनों पर ‘खेती का खून तीन काले कानून’ नाम से बुकलेट जारी की। खेती में एकाधिकार का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आज तक कृषि क्षेत्र का फायदा किसानों और मजदूरों को मिलता था। एक ढांचा था जिसमें मंडिया, आवश्यक वस्तु अधिनियम व अन्य कानून शामिल थे। नए कृषि कानून से तीन-चार लोगों के हाथों में देश की पूरी खेती का ढांचा चला जाएगा। देश को सिर्फ कुछ लोग चला रहे हैं। चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

 

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