रोहतक। आरक्षण एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी राजनैतिक पार्टियां किसी भी मौके पर गंवाना नहीं चाहती और एक बार फिर से आरक्षण के आंदोलन की गूंज हरियाणा से सुनाई दे रही है। काफी समय से आरक्षण की मांग करने वाले जाटों ने 29 तारीख से फिर से आंदोलन शुरु करने जा रहे हैं जिसके चलते हरियाणा पुलिस ने भी कमर कस ली है और कई जिलों में धारा 144 लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों की ओर से मोर्चा संभालने के बाद शुक्रवार को कई शहरों में सुरक्षा की दृष्टि से फ्लैग मार्च भी निकाला गया।
छावनी में तब्दील हुए हरियाणा के कई इलाके:-
जाटों के आंदोलन के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में 7,000 होमगार्डों की तैनाती की अलावा केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग की है। पिछले साल इस आंदोलन के चलते 30 लोगों की मौत हो गई थी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई थी लिहाजा सरकार इस बार कोई भी कोताही बरतना नहीं चाहती जिसकी वजह से उसे आगामी चुनाव में नुकसान झेलना पड़ा।
ट्रेन के आसपास धरना प्रदर्शन पर लगी रोक:-
आंदोलन से निपटने के लिए सरकार भी सक्रिय हो गई है । हिसार में पैरामिलिट्री और हरियाणा पुलिस की 5-5 कंपनियां भेज दी गई हैं। इसके साथ हिसार में नेशनल हाइवे और रेल ट्रैक के आसपास धरने पर रोक लगा दी है और जगह -जगह नाकाबंदी कर दी गई है।
आरक्षण के लिए कुछ भी करने को तैयार जाट-
जाटों के आरक्षण की मांग का मुद्दा पिछले काफी सालों से चलता आ रहा है। शुक्रवार को 35 खापों के नेता इसके समर्थन में आ गए और हिसार में 8 खापों ने बैठक कर आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया। खापों के आरक्षण ने कहा कि वो आरक्षण के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार है। हालांकि आंदोलन से पहले रोहतक में बेमियादी धरना शुरु कर गिया है और वो पिछले जाट आंदोलन का केस वापस लेने और लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।