केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सीधे नियुक्त अधिकारियों 50वें बैच के दीक्षांत समारोह के मौके पर प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि आज कल के सुरक्षा माहौल में सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक पर आधारित निगरानी, सुरक्षा उपकरण और शस्त्र उपलब्ध कराये जाने चाहिए और उसके लिए सतत प्रशिक्षण होना चाहिए।
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सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि “सरकार ने केन्द्रीय बलों के आधुनिकीकरण के लिए आबंटन बढ़ाया है। आप इस आबंटन का कारगर उपयोग करें और अपने अधिकारियों जवानों को नयी तकनीक उपलब्ध करायें उसमें प्रशिक्षित करें।प्रशिक्षु अधिकारियों को 1971 के भारत-पाक युद्ध का स्मरण कराते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के इतिहास में 16 दिसंबर एक महत्वपूर्ण तिथि है। आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेना की वीरता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।
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आज आप भी राष्ट्र निष्ठा और कर्तव्यनिष्ठा की उसी गौरवशाली परंपरा में सम्मिलित हो रहे हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में सीआरपीएफ का योगदान सर्वविदित है। वे सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी ही थे जिन्होंने आतंकवादियों को मार कर संसद भवन और सांसदों की रक्षा की।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात् देश के एकीकरण से लेकर उत्तर पूर्व के अलगाववाद और पंजाब के उग्रवाद को समाप्त करने में सीआरपीएफ ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीआरपीएफ ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद तथा नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में और आम नागरिकों और युवाओं के साथ शांति और सौहार्द स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।हाल के वर्षों में सीआरपीएफ से अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों द्वारा स्वत: सेवा निवृत्ति या त्यागपत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि बल के शीर्षस्थ नेतृत्व को इस विषय पर गंभीर चिंतन करना चाहिए। मैं आशा करूंगा कि सरकार बल में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने पर विचार करेगी और रिक्त स्थानों को शीघ्र भरने का प्रयास करेगी।