इजरायल और हमास के बीच सीजफायर लागू होने के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है। शांति फिर बहाल होने से जश्न का माहौल है। वहीं 11 दिनों तक चले इस संघर्ष में 232 फलस्तीनी और 12 इजरायली मारे गए।
लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं
बताया जा रहा है कि इजरायल-हमास के बीच ये सबसे भीषण संघर्ष था। इस दौरान जहां हमास की ओर से 4 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए। वहीं इजरायल ने भी गाजा में कई मिसाइलों-बमों की बारिश की। बता दें जब संघर्ष विराम का ऐलान हुआ तो लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोग सड़कों पर उतर आए और खुशी मनाने लगे।
दोनों ने किया जीत का दावा
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस संघर्ष में 232 फलस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें 65 बच्चे और 39 महिलाएं भी थीं, जबकि 1900 से ज्यादा घायल हैं। वहीं इजरायल का कहना है कि उसने हमास जैसे गुटों के कम से कम 160 लोगों को मार गिराया है। इजरायल में भी 12 लोग मारे गए हैं और सैंकड़ों घायल हैं।
मिस्र की मध्यस्थता के बाद हुआ समझौता ?
संघर्ष विराम के बाद दोनों ही पक्षों ने मस्जिदों से जंग में जीत का दावा किया। दोनों पक्षों ने कहा है कि अगर शांति के समझौते का उल्लंघन हुआ तो वो पलटवार करने के लिए तैयार हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के दबाव के बाद इजरायल सीजफायर के लिए तैयार हुआ।
हालांकि कहा ये जा रहा है कि मिस्र की मध्यस्थता के बाद ये समझौता हुआ है। जिसके बाद जो बाइडेन ने मिस्र के प्रयास की प्रशंसा की। इससे पहले जो बाइडन की शांति अपील को धता बताते हुए इजरायल ने कहा था कि वो बीमारी से मुक्ति चाहता है, केवल मरहम पट्टी नहीं।