नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कारोबार को उद्योग से उद्योग, उद्योग से सरकार और सरकार से सरकार के बीच बातचीत से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने नए संरचनात्मक सुधार जैसे जीएसटी के संदर्भ में कहा कि इससे देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि जेटली ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी सीईओ फोरम के सदस्यों से कहा, विदेशी निवेश भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासतौर से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए अब बैंकों की क्षमता को बढ़ाएगी। हाल ही में संसद में पारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और दीवालिया संहिता के अलावा सरकार ने पिछले दो सालों में कई संरचनात्मक सुधार किए हैं, ताकि देश में विकास को बढ़ावा मिले।
अमेरिकी सीईओ फोरम में अमेरिकन टॉवर कॉरपोरेशन के सीईओ जिम ताईकलेट, एस एंड पी ग्लोबल इंक (पहले मैकग्रो हिल्स फाइनैंसियल नाम था) के मुख्य कार्यकारी एल. पीटरसन, क्वालकॉम इनकॉरपोरेटेड के अध्यक्ष पॉल ई. जैकब और उबर एपीएसी के व्यापार प्रमुख एरिक अलेक्जेंडर शामिल हैं।
इनके अलावा फोरम में शामिल अन्य सदस्य हैं यूएस इंडिया बिजनेस कौंसिल (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अगही, इंडिया-यूएसआईबीसी की कंट्री निदेशक निवेदिता मेहरा, वॉटर हेल्थ इंटरनेशनल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय भटनागर, हरमन इंटरनेशनल के सीईओ और अध्यक्ष दिनेश पालीवॉल, अमेजन इंडिया के उपाध्यक्ष और कंट्री हेड अमित अग्रवाल।