नई दिल्ली। 13हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने वाला मुख्य आरोपी और ज्वैलरी कारोबारी नीरव मोदी अब ब्रिटेन में शरण लेने की फिराक में हैं। बता दें कि ब्रिटेन के नामी अखबार की ओर से इस बात का दावा किया गया है। 13 हजार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक के कर्ज घोटाले को अंजाम देने वाला नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी इसी साल देश से फरार हुए, जबकि ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसने के बाद देश छोड़ गया था।
राजनीतिक उत्पीड़न का किया दावा
एक रिपोर्ट के अनुसार नीरव मोदी फिलहाल लंदन में हैं और उसकी ओर से राजनीतिक उत्पीड़न का दावा किया गया है। विदेश मंत्रालय ने एफटी को बताया कि भारत सरकार की एजेंसियों ने प्रत्यर्पण के लिए अभी तक उनसे उनसे संपर्क नहीं किया है। मंत्रालय ने रॉयटर्स के कई सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। भारत सरकार पहले से ही भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने की मांगी कर रही है।
पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, जिसका मकसद माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को प्रथम दृष्टया स्थापित करना है। माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर जाने के बाद ब्रिटेन में रहा है। माल्या की बचाव टीम ने दावा किया था कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं है और भारत में उन पर निष्पक्ष तरीके से मुकदमा चलाने की संभावना नहीं है।
देश छोड़ने के बाद पासपोर्ट रद्द
आपको बता दें कि नीरव मोदी के देश छोड़ने के बाद भारतीय सरकार की ओर से उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया है और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने लुकआउट नोटिस जारी किया था। नीरव मोदी ने 2010 में ग्लोब डायमंड जूलरी हाउस की नींव रखी और इसका नाम अपने नाम पर ही रखा। पुलिस ने मई में 25 लोगों के खिलाफ चार्ज फाइल किए थे। इनमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, पूर्व पीएनबी चीफ ऊषा अनंतसुब्रमण्यन, दो बैंक डायरेक्टर्स और नीरव मोदी की कंपनी के तीन लोग भी शामिल थे।
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मई में एजेंसी ने नीरव मोदी और 23 अन्य के खिलाफ अदालत में 12000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें नीरव के पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी भी शामिल हैं। ईडी ने पीएनबी घोटाला मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पीएमएलए के तहत आरोप लगाया। नीरव मोदी अपने खिलाफ मामले दर्ज किये जाने से पहले ही देश से बाहर भाग गया था।