दुनिया अभी तक कोरोना और ओमिक्रॉन से ही जूझ रही थी कि अब कोरोना के नए वैरिएंट नियोकोव ने चिंता बढ़ा दी है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। हर दिन लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इसी बीच अब नियोकोव वैरिएंट की दहशत बढ़ गई है।
अब कहर बरपाने आया नया वैरिएंट ‘नियोकोव’
दुनिया अभी तक कोरोना और ओमिक्रॉन से ही जूझ रही थी कि अब कोरोना के नए वैरिएंट नियोकोव ने चिंता बढ़ा दी है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। हर दिन लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इसी बीच अब नियोकोव वैरिएंट की दहशत बढ़ गई है। वुहान के वैज्ञानिकों का दावा है कि नियोकोव वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला है। इस वैरिएंट की संक्रमण और मृत्यु दर दोनों ही बहुत ज्यादा है।
‘2012 और 2015 में पश्चिम एशियाई देशों में इसके मरीज मिले’
वहीं वुहान के वैज्ञानिक जहां इसे नया वैरिएंट बता रहे हैं तो दूसरी ओर रूस की न्यूज एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, यह वैरिएंट नया नहीं है। यह कोरोना वैरिएंट मर्स कोव वायरस से जुड़ा हुआ है। सबसे पहले 2012 और 2015 में पश्चिम एशियाई देशों में इसके मरीज मिले थे। दक्षिण अफ्रीका में अभी यह नियोकोव वैरिएंट चमगादड़ के अंदर देखा गया है। पहले पशुओं में ही देखा गया था। वहीं वुहान के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस वैरिएंट के हर तीन मरीजों में से एक की जान जा सकती है।
सब-वैरिएंट भारत समेत 40 देशों में दस्तक दे चुका है
एक ओर जहां इस नियोकोव वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है तो दूसरी ओर ओमिक्रॉन के सब-स्ट्रेन (BA.2) ने भी दुनिया की नींद उड़ा रखी है। ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट से इसलिए भी ज्यादा खतरा है, क्योंकि RT-PCR टेस्ट भी इसे पकड़ नहीं पा रहा है। अब तक ये नया सब-वैरिएंट भारत समेत 40 देशों में दस्तक दे चुका है और माना जा रहा है कि ये वैरिएंट बहुत तेजी से दुनिया के बाकी देशों में भी फैल सकता है।