पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के मिसाइल हादसे को संयुक्त राष्ट्र तक लेकर पहुंच गए और खूब हो होला भी काटा।
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कुरैशी का कहना था कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। इस बीच भारत के पक्ष को उस समय बड़ा समर्थन मिला जब अमेरिका ने भी इसे दुर्घटना ही माना।
पाकिस्तान मामले को तूल देने में जुटा
भारत के दुर्घटनावश मिसाइल दागने के मुद्दे को अब पाकिस्तान और ज्यादा तूल देने में जुट गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस को मिसाइल फायर के बारे में बताया है। कुरैशी ने कहा कि भारत ने खुलेआम पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है जो उसके क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के उल्लंघन को दर्शाता है।
संयुक्त राष्ट्र करे पूरे मामले की संयुक्त जांच
कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से बातचीत के दौरान इस पूरे मामले की संयुक्त जांच की मांग को दोहराया जिसे भारत खारिज कर चुका है। कुरैशी ने दावा किया कि भारत के रणनीतिक हथियारों के प्रबंधन में कई तकनीकी गड़बड़ियां हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को निश्चित रूप से इसे देखना चाहिए।
पाक ने सवालों के जवाब भारत से मांगे
इस बीच भारत के संयुक्त जांच की मांग को खारिज करने के बाद अब पाकिस्तान अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है। पाकिस्तानी अधिकारीयों का कहना है कि ‘हम अभी भी भारत के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।’ पाकिस्तान ने भारत के दुर्घटना पर खेद जताने और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने कई सवालों के जवाब भारत से मांगे हैं।
चीन ने पाकिस्तान के सुर में मिलाया सुर
इस बीच मिसाइल दुर्घटना में जहां चीन ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाया है, वहीं भारत को अमेरिका ने खुलकर समर्थन किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हाल ही में भारत की ओर से पाकिस्तान में गिरी मिसाइल के दुर्घटनावश चलने के अलावा अन्य कोई कारण नजर नहीं आता है। इससे पहले भारत ने शुक्रवार को कहा था कि गलती से एक मिसाइल चल गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी और यह ‘खेदजनक’ घटना नियमित रख रखाव के दौरान एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई थी।
घटना एक गलती के अलावा और कुछ नहीं
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को कहा, ‘जैसा कि आपने हमारे भारतीय साथियों से भी सुना है कि यह घटना एक गलती के अलावा और कुछ भी नहीं थी, हमें भी इसके पीछे और कोई कारण नजर नहीं आता है।’ नेड प्राइस ने कहा, ‘आप इस संबंध में अन्य कोई भी सवाल भारतीय रक्षा मंत्रालय से करें।
भारत ने पहले ही 9 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि वास्तव में उस दिन क्या हुआ था। हम उससे इतर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।