चीन, ईरान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान से मिलती सीमाएं यह साबित करने के लिए काफी हैं कि एशिया में अफगानिस्तान का वही स्थान है, जो इंसान के शरीर में दिल का है।
तीन करोड़ 20 लाख से अधिक आबादी वाले इस देश की लगभग एक चैथाई आबादी मजार-ए-शरीफ जैसे बड़े शहरों में रहती है। मजार-ए-शरीफ देश की राजधानी काबुल से 320 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है।
वख़ान कॉरिडोर देश के बाकी हिस्सों से है अलग
वख़ान कॉरिडोर मजार शरीफ से लगभग 600 किलोमीटर पूर्व में है। जो सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से देश के बाकी हिस्सों से बिल्कुल अलग है। बदख्शां क्षेत्र में स्थित 350 किलोमीटर लंबा यह इलाका दुनिया की तीन बड़ी पर्वत श्रृंखलाओं, हिंदू कुश, कराकोरम और पामीर के संगम पर मौजूद है। यह दुनिया की सबसे दुर्गम और खूबसूरत जगहों में से एक है।
यहां की ग्रामीण जिंदगी है अलग
वख़ान कॉरिडोर में छोटी-छोटी ग्रामीण बस्तियां हैं, जैसे कि खानदद, जहां सफेद पत्थर, मिट्टी और लकड़ी से बने हुए घर हैं। इनमें कुछ बड़े गाँव हैं जो कच्ची सड़कों के जरिए आपस में जुड़े हुए हैं। पंज नदी के पानी की वजह से यह कच्ची सड़क अक्सर इस्तेमाल के लायक नहीं रहती। इस कॉरिडोर के पश्चिमी कोने से 80 किलोमीटर दूर इश्काशिम शहर के रहने वाले आजम जियाई कहते हैं, कि वख़ान नाम के इस पूरे इलाके में बहुत कम लोगों के पास गाड़ियां हैं। लेकिन इनके पास कम्युनिटी ट्रांसपोर्ट और गधे हैं।
वख़ाई समुदाय है अलग
यहां से सबसे नजदीक का बड़ा शहर दुशांबे है जो ताजिकिस्तान की राजधानी है। वहां तक पहुंचने में भी तीन दिन का वक्त लगता है। इतनी दूर होने के कारण यह क्षेत्र एक टाइम कैप्सूल जैसा बन गया है। जब लोग सीमा पार ताजिकिस्तान में सड़कें, फोन और बिजली को देखते हैं, तो यह कहते हैं कि यह भविष्य देखने जैसा है। वख़ान कॉरिडोर लगभग 2,500 वर्षों से वख़ाई समुदाय का घर है।