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संवेदनहीनता: सवा महीने पहले मर चुके कर्मी को भेजी नोटिस, रोका वेतन

murderd संवेदनहीनता: सवा महीने पहले मर चुके कर्मी को भेजी नोटिस, रोका वेतन
  • अपने ही कर्मचारियों की नहीं रखते हैं जानकारी, संवेदनहीनता की हदें पार
  • उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ ने संवेदनहीनता पर जताया ऐतराज, कार्रवाई की मांग

लखनऊ/रायबरेली। कोई अधिकारी किस प्रकार संवेदनहीन हो सकता है इसका अंदाजा इस खबर से लगाया जा सकता है। करीब सवा महीने पहले मौत के काल में समाए कर्मचारी को अधिकारियों ने काम पर ना आने की ना सिर्फ नोटिस भेजी, बल्कि एक माह का वेतना भी रोकने का आदेश दे दिया। जबकि कर्मचारी दुनिया में ही नहीं है।

मामला रायबरेली का है जहां पर मुख्य विकास अधिकारी ने एक ऐसे सफाईकर्मी को को काम पर ना आने और वेतन रोकने की नोटिस भेजी, जिसकी 13 अप्रैल को ही मौत हो चुकी है। अधिकारी के इस संवेदनहीन भरे नोटिस पर उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ ने ऐतराज जताते हुए अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने 25 मई को खीरों विकास खंड के बनमई में सेवा दे रहे बाल कुमार समेत चार लोगों को को नोटिस जारी की। अधिकारी की नोटिस के अनुसार 21 मई को रोस्टर की तैनाती के आधार पर बाल कुमार समेत ये चारों ड्यूटी पर नहीं पाए गए। अधिकारियों ने फोन पर संपर्क किया तो बताया गया कि ये सभी बिना सूचना दिए ड्यूटी से गायब हैं। ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए इन सभी कर्मचारियों का मई महीने का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। साथ ही दो दिनों में कर्मचारियों को ड्यूटी पर ना आने के कारणों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।

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मुख्य विकास अधिकारी द्वारा भेजी गई नोटिस
बाल कुमार की 13 अप्रैल को गई थी मौत

उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार कनौजिया ने बताया इन चारों मे से बाल कुमार की 13 अप्रैल को ही मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद जब परिवार वालों को कार्रवाई की नोटिस मिली तो वे दुखी हो गए। राजकुमार ने कहा कि इस नोटिस से यह साबित होता है कि अधिकारी हमारे प्रति कितने संवेदनशील हैं।

उन्होंने बताया कि इसी नियम विरूद्ध तरीके से जनपद सीतापुर के विकास खण्ड सिधौली मे भी कोविड पॉजिटिव सफाई कर्मचारी को एडीओ ने नोटिस थमा दी। पूरे प्रदेश मे नोटिस देकर सफाई कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेन्द्र श्रीवास्तव ने इसका कड़ा विरोध करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने कर्मचारियों के समायोजन की मांग की है। साथ ही संवेदनशीलता बरतने की भी अपील की है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो संगठन इसका सख्त विरोध करेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के संकटकाल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी बिना अवकाश के पूरे साल सफाई और सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहा है। उस पर भी बिना आधार के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को नोटिस थमाई जा रही है। यह यह न्याय है।

दूसरी ओर उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ उनकी मांगों को मुखरित कर शासन स्तर तक पहुंचा रहा है ऐसे वह जनहित में कार्य बाधित न करें और कोरोना के संकटकाल में अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक जारी रखें ताकि संभावित कोरोना की तीसरी महा लहर में कम से कम जनहानि हो।

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