भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के भारत में महिलाओं पर हिंसा को लेकर दिए गए बयान की निंदा करते हुए इसे ‘अनुचित’ बताया हैं। विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी की ओर से हाल ही में देश में हुए महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर बयान की आलोचना की हैं साथ ही कहा कि अभी जांच प्रक्रिया चल रही है और “किसी भी बाहरी एजेंसी की ओर से गैर-जरूरी बयानों से बचा जाना चाहिए।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिया जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत में महिलाओं पर हुए हालिया हिंसा की घटनाओं पर यूनाइटेड नेशन के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ने कुछ अनुचित बयान दिए हैं। भारत में यूनाइटेड नेशन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर को यह पता होना चाहिए कि भारत सरकार ने इन मामलों को बहुत गंभीरता से लिया हैं। चूंकि जांच प्रक्रिया चल रही हैं, ऐसे में किसी भी बाहरी एजेंसी की ओर के गैरजरूरी बयान से बचा जाना चाहिए। भारत का संविधान हर नागरिक को समान का अधिकार देता हैं। एक लोकतंत्र के रूप में हमारे पास समाज के हर वर्ग को न्याय मिलने का टाइम-टेस्टेड रिकॉर्ड हैं।”
यूपी के में हुई रेप के मामलों पर दिया बयान
बता दें कि सोमवार को भारत में यूनाइटेड नेशन की ईकाई ने यूपी के हाथरस और बलरामपुर में हुए रेप के मामलों पर एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था, “हाथरस और बलरामपुर में कथित रेप केस फिर इस बात को याद दिलाते हैं कि वंचित सामाजिक समूहों से आने वाली लड़कियां बड़े स्तर पर लिंग आधारित हिंसा के खतरे में है।”
हाथरस गैंगरेप पर पूरे देश में आक्रोश
हाथरस गैंगरेप केस को लेकर पूरे देश में आक्रोश हैं और इसे लेकर जगह-जगह प्रदर्शन किये जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। लगातार आरोपियों को सजा देने की मांग की जा रही हैं। हाथरस में 19 साल की एक लड़की से कथित रूप से गैंगरेप किया गया था। उसे शरीर में कई जगह गंभीर चोटें और फ्रैक्चर आया था। जिसके चलते पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल इलाज के दौरान में दम तोड़ दिया था। गैंगरेप करने वाले चार आरोपी थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया हैं।