- भारत खबर || नई दिल्ली
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों Emmanuel Macron ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि पूरी तरह दुनिया में इस्लाम खतरे में आ चुका है। इस्लाम पर भारी संकट दिखाई दे रहा है। इसी बात को लेकर तुर्कीआग बबूला हो गया। और उसने अपने बयान में सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।
बताते चलें कि लड़की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दवान के प्रवक्ता इब्राहिम कालिन ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्विटर पर ट्वीट किया कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का यह कहना है कि इस्लाम संकट में है। उनका कहना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति के इस बयान से इस्लामोफोबिया को और विरोधी मुसलमानों की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। तुर्की राष्ट्रपति के प्रवक्ता का कहना है कि इस्लाम और मुसलमानों को अपना शिकार बनाना तार्किक सोच से बेहद परे की बात है। अपनी देश की असफलता को छुपाने के लिए यह एजेंडा बनाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने बीते शुक्रवार को इस्लामिक अलगाववाद की रोकथाम के लिए एक योजना जारी की थी। जिसमें उन्होंने दुनिया भर के तमाम मुस्लिमों को अपने निशाने पर लिया था। अपने भाषण के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि इस्लाम को खतरा है और इस्लाम पूरी दुनिया में एक संकट का सामना कर रहा है।
उनके इस बयान पर तुर्की बेहद गुस्से में है अपना गुस्सा जाहिर करते हुए इंटरनेशनल यूनियन फॉर मुस्लिम स्कॉलर्स के सेक्रटरी जनरल अली अल कारादगी ने सोशल मीडिया पर फेसबुक के माध्यम से एक पोस्ट ने कहा कि, आप अपनी गतिविधियों की ओर ध्यान दें आप हमारे धर्म की चिंता छोड़िए क्योंकि ये कभी भी सरकारों की मदद पर आश्रित नहीं रहा है और ना ही इसने कभी अपने विरोधियों के खिलाफ तलवार उठाई. अल कारादगी ने कहा, भविष्य इस्लाम धर्म का ही है।
फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron के कथन के अनुसार उनकी सरकार दिसंबर के महीने में एक बिल जारी करेगी। जिसमें 1905 में जारी किए गए कानूनों को और मजबूती से लागू किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे द्वारा यह कदम फ्रांस में इस्लाम की कट्टरपंथी को रोकने व अपने देश की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए उठाया जा रहा है। फ्रांस को हर हाल में इस्लाम के आक्रमक प्रभावों से मुक्त कराया जाएगा।