कानपुर में पुलिसवालों को मौत के घाट उतारने वाला हिस्ट्रीशटर विकास दुबे यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मारा जा चुका है। लेकिन विकास दुबे के मामला थमता हुआ नहीं दिख रहा है। आज सुप्रीम कोरिट ने विकास दुबे मामले में सुनवाी करते हुए यूपी के शासन और प्रशासन पर कई सवाल उठाये।
सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए इसे सिस्टम की विफलता बताया है। कोर्ट ने विकास दुबे पर संगीन अपराधों में नाम दर्ज होने के बाद भी जमानत दिए जाने को लेकर हैरानी भी जताई। इस मामले में कोर्ट ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। अब अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार की ओर से कहा कि सारे मुद्दों को अदालत के सामने रखा गया है। उन्होंने कहा विकास दुबे के खिलाफ 65 FIR दर्ज थी और वो पैरोल पर बाहर आया था. इस CJI ने SG को कहा कि ‘आप हमें मत बताइए कि विकास दुबे कौन था.’ तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए मुठभेड़ को सही ठहराया दुबे की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वो पैरोल पर था और उसने हिरासत से भागने की कोशिश की थी। जिसेक बहाद विकास दुबे को मारा गया।
आपको बता दें, आज विकास दुबे की पोस्टमोर्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने के बाद अधिक खून बहने से मौत बताई गई है। एनकाउंटर में तीन गोलियां विकास के आर पार हुई थीं। शरीर में 10 जख्म थे।
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जिसकी वजह से विकास दुबे की मौत हुई।विकास दुबे को लेकर रोजना कई खुलासे हो रहे हैं। जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है।