जयपुर। चुनावों के दौरान राहुल गांधी के मंदिर दर्शन और जनेऊधारी ब्राह्मण बनने के मुद्दे की गूंज राजस्थान के बजट सत्र में भी सुनाई दी। बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों के बीच इस मामले को लेकर विवाद इतना बढ़ गया की पूरी संसद में सिर्फ हंगामा ही गूंजा। हंगामे को देखते हुए विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करवाया और टोकाटोकी करने वाले सदस्यों को सख्त हिदायत दी। दरअसल राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बीजेपी के ज्ञानचंद पारख बोल रहे थे। पारख ने कांग्रेस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम जैसे पहले थे वैसे ही हैं, बदले नहीं हैं।
पारख ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तो गिरगिट की तरह रंग बदल दिया। गुजरात के चुनाव में पहली बार मंदिर मंदिर घूमे। सार्वजनिक तौर पर कहने लगे कि हम तो जनेऊधारी ब्राह्मण हैं। इतने साल पहले ब्राह्मण होने का अहसास नहीं हुआ। अजमेर का चुनाव जीतते ही पहले दरगाह गए, ब्राह्मण होते तो पहले ब्रह्मा मंदिर जाते। पारख के इतना कहते ही सदन में कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा कर दिया। कांग्रेसी सदस्य कहने लगे कि पारख झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस के रामनारायण गुर्जर, धीरज गुर्जर, निर्दलीय डा. राजकुमार शर्मा ने कहा कि पहले ब्रह्मा मंदिर ही गए थे बाद में दरगाह गए।
पारख के तंज पर कांग्रेस के डॉ राजकुमार ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या के बाद अंतिम संस्कार के दौरान राहुल गांधी ने जनेऊ पहनी थी, जोकि उन्होंने कपड़ों के ऊपर पहनी थी, इसके जवाब में बीजेपी के विट्ठल अवस्थी ने कहा कि जनेऊ कपड़ों के ऊपर पहनी जाती है ऐसा पहली बार सुना है। दोनों और से चल रहे शब्दों के बाण को शांत कराने के लिए उपाध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक स्थानों का अपना महत्व होता है जिसकी जहां श्रद्धा है वे वहीं जाएगा।