featured दुनिया देश

संयुक्त राष्ट्रसंघः कश्मीर रिपोर्ट में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान भारत को मिला 6 देशों का समर्थन

TERARIST संयुक्त राष्ट्रसंघः कश्मीर रिपोर्ट में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान भारत को मिला 6 देशों का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र संघ में ह्यूमन राइट्स हाई कमिश्नर की जनरल डिबेट में हाई कमिश्नर जेद राद अल हुसैन ने रिपोर्ट लिखी थी। तभी संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर रिपोर्ट पर आपत्ति उठाते हुए रिजेक्ट कर दिया आपको बता दें कि रिजेक्ट करने वालों में भारत के साथ-साथ 6 अन्य देश शामिल हैं। गौरतलब है कि बहस के दौरान एशिया से अफगानिस्तान और भूटान समेत अफ्रीका, यूरेशिया और लैटिन अमेरिकी देशों ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

 

TERARIST संयुक्त राष्ट्रसंघः कश्मीर रिपोर्ट में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान भारत को मिला 6 देशों का समर्थन

जम्मू-कश्मीर में ह्यूमन राइट्स के मामलों की जांच संयुक्त राष्ट्र समिति को भेजा

रिपोर्ट पर बहस के दौरान पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में पर्मानेंट रिप्रेजेंटेटिव फारुख अमील ने पाकिस्तान की ओर से अपील की। रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर में ह्यूमन राइट्स के मामलों की जांच करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की समिति को भेजा जाए। हालांकि इस्लामिक देशों की तरफ से बोलते वक्त पाकिस्तान के रिप्रेजेंटेटिव अमील ने सिर्फ अपनी बात दोहराई।अमील ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की कश्मीर रिपोर्ट इशारा करती है कि ह्यूमन राइट्स संस्था को जम्मू-कश्मीर में अगला कदम उठाने की जरूरत है।

पाकिस्तान के रुख के समर्थन में कोई देश सामने नहीं आया

आपको बता देंम कि यूएन की इस रिपोर्ट पर पाकिस्तान के रुख के समर्थन में कोई देश सामने नहीं आया। वहीं रिपोर्ट को जहां एशियाई देशों में अफगानिस्तान और भूटान ने रिजेक्ट किया। वहीं लैटिन अमेरिकी देशों में क्यूबा और वेनेजुएला ने रिपोर्ट को रिजेक्ट करने का फैसला लिया है। अफ्रीका से मॉरीशस और यूरेशिया से बेलारूस ने कश्मीर रिपोर्ट को रिजेक्ट किया है। इनके अलावा भी कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट को पेश करने के समय और तथ्यों पर सवाल किए।

उत्तर प्रदेशः चाय वाले की बेटी को मिली 4 करोड़ की स्कॉलरशिप  अब पढ़ाई के लिए जाएगी अमेरिका

भारत 2018 से लेकर 2020 तक काउंसिल से बाहर है

पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर मामले की 49 पेज की विवादित रिपोर्ट में कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल के दोनों ओर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर मामले हैं। दरअसल यह मामला भारत के लिए इसलिए गंभीर हो जाता है क्योंकि मौजूदा समय में पाकिस्तान बतौर सदस्य ह्यूमन राइट्स काउंसिल में शरीक है वहीं भारत 2018 से लेकर 2020 तक काउंसिल से बाहर है।

ह्यूमन राइट्स काउंसिल में किसी प्रस्ताव को प्रभावित करने में भारत की स्थिति खराब

संयुक्त राष्ट्र में भारत के रिप्रेजेंटेटिव अशोक मुखर्जी का कहना है कि ह्यूमन राइट्स काउंसिल में किसी प्रस्ताव को प्रभावित डालने में भारत की स्थिति पाकिस्तान से बेहद नाजुक  है।

महेश कुमार यदुवंशी

Related posts

बिहार विधानसभा चुनाव : 24 अक्‍टूबर से उपेंद्र कुशवाहा और असद्दुदीन ओवैसी की साझा रैलियां

Pritu Raj

गुजरात: अन्नकूट कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़, 2 की मौत

Pradeep sharma

Agneepath Scheme: युवाओं ने जम्मूतवी-गुवाहाटी और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन में लगाई आग, बल्लबगढ़ में इंटरनेट सेवाएं की बंद

Rahul