नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र कोें गति देने के लिए कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के लागू करने की घोषणा कर दी है। नई शिक्षा नीति को नए सत्र से अमल में लाया जाएगा। इसी बीच आज उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने FICCI द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीट में कहा, “आप 2021 में ही कुछ बड़े बदलाव देखेंगे। इसमें सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए एक एंट्रेस टेस्ट, क्रेडिट बैंक का गठन जिसमें छात्र अपना अकादमिक क्रेडिट सुरक्षित रख सकेंगे आदि शामिल हैं। नई शिक्षा नीति को स्थापित करने की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और AICTE जैसे सभी स्वायत्त निकायों को खत्म कर देश में एक उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।
2021 में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव होने शुरू हो जाएंगे-
बता दें कि साल 2021 में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अगले साल के लिए योजनाबद्ध बदलावों की जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे कहा, “यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) जैसे निकायों का विलय किया जाएगा और अगले शैक्षणिक सत्र में, हम भारत के एक हॉयर एजुकेशन कमीशन के सदस्य होंगे। देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, एक राष्ट्रीय अनुसंधान कोष का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सभी विश्वविद्यालय, चाहे वे निजी हों, राज्य हों या केंद्रीय हों, उनके पास कंपटेटिव फंडिंग हो सकती है। यह USA के नेशनल साइंस फाउंडेशन की तरह है। हमने इसमें कुछ और भी जोड़ा है, सामाजिक विज्ञान भी नेशनल रिसर्च फंड का हिस्सा होगा। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को स्थापित करने की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और AICTE जैसे सभी स्वायत्त निकायों को खत्म कर देश में एक उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा। मेडिकल और लॉ एजुकेशन को छोड़कर अन्य सभी कोर्सेज़ के लिए एक हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) का गठन किया जाएगा। एजेंसी के मुताबिक, यह बदलाव 2021 से ही लागू होने शुरू हो जाएंगे।