सबसे पहले शरीर को आराम की मुद्रा में लाकर अपने सिर, गले औऱ स्पाइन को एक सही स्थिति में रखकर आराम से बैठ जाएं। इस प्राणायाम में मुंह खोलकर जुबान की नाली बनाकर नाली के द्वारा सांस को धीरे-धीरे लय में अंदर खींचें।
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फिर मुंह बंद कर कुछ देर तक सांस अंदर रोककर रखने के बाद नाक से निकाल दें। इसे 8-10 बार करें। इसके फायदे भूख और प्यास का स्तर नियंत्रित रहता है और मन शांत रहता है। पित्त को समाप्त करने में मदद करता है और रक्तचाप नियंत्रित करता है।
दंडासन में बैठ जाएं। फिर घुटना मोड़कर फैलाएं औऱ पैरों को कदमों के पास धड़ से सटाकर रखें। जांघों को फैलाएं और घुटनों को जमीन की ओर दबाएं। अब रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर सामान्य सांस लेते हुए एक से पांच मिनट की अवधि तक रोकने का प्रयास करें। इसे पीठ के बल भी कर सकते हैं। इसके फायदे यह आसन बाहर तेज गर्मी के बावजूद शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। थकान औऱ तनाव को दूर करने में यह फायदेमंद है। साइटिका, हार्निया में भी यह लाभकारी है।
सबसे पहले अपने शरीर को आराम की मुद्रा में लाकर सिर, गले और स्पाइन को एक सही स्थिति में रखें और आराम से बैठ जाएं। शीतकारी में दांतों को भींचकर सांस खींचें। कुछ देर तक रोककर रखने के बाद होंठ बंद कर, नाक से सांस निकाल दें। इसे भी 8-10 बार करें। सावधानियां अस्थमा के मरीज इस आसन को न करें। सर्दी-जुकाम हो तो भी इसे न करें। ब्लड प्रेशर कम रहता है तो भी इसे करना अवॉयड करें।
जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हथेलियों को अपने सरीर के एक से डेढ़ फीट की दूरी पर रखें। हथेलियों को ऊपर की तरफ खुला रखें और उंगलियों को हल्का सा मोड़ें। दोनों पैरों को सीधे रखें और इन्हें आपस में चिपकाएं नहीं। दोनों पैरों के बीच हल्की दूरी बनाएं और आराम की मुद्रा में लेटें। आंख बंद और रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रखें। पांच मिनट लेटें रहें काफी रिलैक्स महसूस होगा। फायदे गर्मी में ताजगी की एहसास होगा। नसों को आराम मिलता है। ऑक्सीजन का फ्लो सही तरह से होता है। शरीर ठंडा रहता है।
इनके अलावा कुछ और जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। – लाइट और आरामदायक कपड़े पहनकर ही योग करें। – प्राणायाम के दौरान जल्दबाजी न दिखाएं वरना फायदा अच्छी तरह नहीं मिलेगा। तेज धूप में योग, एक्सरसाइज न करें।