मुबंई। देश के सियासी गलियारों में आए दिन हलचलें तेज होती रहती है। राज्य सरकारों द्वारा समय आने पर नेताओं की सुरक्षा घटा दी जाती है तो कभी बढ़ा दी जाती है। ऐसा ही कुछ अब मुबंई में देखने को मिला है, जहां महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कई बड़े नेताओं की सुरक्षा घटा दी है। जिन नेताओं की सुरक्षा घटाई गई है उनमें पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे, आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले और बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल शामिल हैं। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं। उनकी तरफ से तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब विपक्षी दलों की सुरक्षा घटाई गई हो।
विपक्ष के नेताओं का सुरक्षा कवर घटाए जाने पर नाराजगी जताई-
बता दें कि महाराष्ट्र में विपक्ष के नेताओं का सुरक्षा कवर घटाए जाने पर नाराजगी जताई है। एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे को जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब उनकी सुरक्षा वाई प्लस कर दी गई है। महाराष्ट्र की स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने कुछ दिनों पहले वीआईपी सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट दी थी, इसमें कई लोगों की सुरक्षा में बदलाव की सिफारिश की गई थी। राज्य की स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने कुछ दिनों पहले वीआईपी सुरक्षा को लेकर विव्यू किया था और अपनी रिपोर्ट बनाई थी जिसके बाद वीवीआईपी सुरक्षा में कई बदलाव किए गए थे। जिसमें कुछ लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई गई, कुछ लोगों की बधाई गयी, कुछ की घटाई गया तो कुछ लोगों की रद्द कर दी गयी।
राम कदम ने सरकार पर ये आरोप लगाया-
सूत्रों की माने तो इसके लिए एक सुरक्षा समिति बैठक का आयोजन होता है और ये बैठकें एक महीने में दो से तीन बार होती हैं। समिति का कहना है कि पुलिस पर काफी तनाव बना रहता है, इसलिए विपक्ष के नेता की सुरक्षा को कम करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही इधर राम कदम ने सरकार पर विपक्ष के नेताओं से बदला लेने का आरोप लगाया है। राम कदम ने कहा कि इस तरह सरकार विपक्ष के नेताओं को चुप कराना चाहती है। राम कदम ने आगे कहा कि भाजपा नेता ने पिछले एक साल में महाराष्ट्र सरकार की विफलताओं को दिखाया है।