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आजाद भारत के प्रमुख राजनीतिक कार्यकाल

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अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी अपने पहले कार्यकाल में 16 मई 1996 से 1 जून 1996 (13 दिन) तक देश के प्रधानमंत्री रहें। अटल जी ने विदेशमंत्री के रुप में भी 26 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 देश की सेवा की। पेशे से वो एक कवि, पत्रकार, और राजनीतिक कार्यकर्ता थे। 27 मार्च 2015 को भारत के राष्ट्रपति ने उनके आवास पर उनको भारत रत्न से सम्मानित किया। उन्हें पद्म विभूषण (1992 में), लोकमान्य तिलक सम्मान (1994 में), सबसे अच्छे सांसद के सम्मान (1994 में) आदि से भी नवाज़ा गया। हर साल अटल जी के जन्मदिवस (25 दिसंबर) को “गुड गवर्नेंस डे” के रुप में मनाने की घोषणा हुई है।

बता दें कि अपने कार्यकाल में अटल जी पाक के साथ संबंध सुधारने की पहल की लेकिन इस पहल में वो असफल रहे। अटल जी ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाया। इतना ही नहीम अटल जी ने अपने जीवन में और भी कई कार्य किए जैसे- एक सौ साल से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया। संरचनात्मक ढाँचे के लिये कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना और प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया। राष्ट्रीय राजमार्गों और हवाई अड्डों का विकास; नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं। आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतें नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमन्त्रियों का सम्मेलन बुलाया। उड़ीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया। आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया। ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की। सरकारी खर्चे पर रोजा इफ़्तार शुरू किया ताकि देश में इसका अच्छा संदेश जाए।

अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में ग्वालियर में हुआ। इन्होंने दयानंद एंग्लो वेदिक कॉलेज़ से राजनीतिक शास्त्र में एम.ए की डिग्री प्राप्त की। संसद में बहुमत न होने की वजह से 13 दिन में ही इनकी सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।

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