शिलांग। मेघालय में चालू वर्ष में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमा-गहमी तेज हो गई है। कांग्रेसी सत्ता को विपक्ष द्वारा जोरदार चुनौती मिलती दिखाई दे रही है। जिसके चलते कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी छोड़कर विपक्षी पार्टियों में शामिल होने की होड़ मच गई है। मंगलवार को चार विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। विधायकों को पार्टी में शामिल कराने के लिए भाजपा के कई शीर्ष नेता राजधानी शिलांग में पहुंच गए हैं।

बता दें कि भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में एनसीपी के विधायक सोनबर सुल्लाई, कांग्रेस के विधायक एलेक्जेंडर हेक, निर्दलीय जस्टिन डखार और रोबिनुस सिंकन के अलावा खासी हिल्स आटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (केएचएडीसी) के सदस्य रिकी सुल्लाई भाजपा में शामिल होंगे। मंगलवार को राजधानी शिलांग में विधायकों को भाजपा में शामिल कराने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री व मेघालय भाजपा के चुनाव प्रभारी केजे अल्फांसो, असम के मंत्री व नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक डॉ हिमंत विश्वशर्मा के साथ ही अन्य कई वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की जानकारी मिली है।
वहीं हाल के दिनों में कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों से अब तक कुल 13 विधायक अपनी पार्टियों को छोड़ चुके हैं। ये सभी विधायक कांग्रेसी सरकार को समर्थन दे रहे थे। इस प्रकार मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री मुकुल सांगमा की सरकार बहुमत के आंकड़े 33 से खिसक कर 29 पर पहुंच गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही विपक्ष राज्यपाल से मिलकर सरकार को हटाने की भी मांग कर सकता है।
साथ ही हाल ही में आठ विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसमें कांग्रेस के पांच, यूडीपी के एक व दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं। कांग्रेसी विधायकों में पार्टी छोड़ने की जिस प्रकार से होड़ मची हुई है, उससे साफ हो गया है कि राज्य में कांग्रेस की जमीन बेहद कमजोर हो चुकी है। पूर्व में विस की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले आठ विधायक एनपीपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक वे एनपीपी में औपचारिक रूप से शामिल नहीं हुए हैं।