23.9 फ़ीसदी जीडीपी में गिरावट दर्ज होने के बाद वार्षिक जीडीपी में दस फीसद तक की गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं।
नई दिल्ली || भारत खबर
अप्रैल से जून 2020 के जीडीपी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं चालू वित्त वर्ष 2020 और 21 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ रेट में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते 40 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट आई है। कोरोना महामारी के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से पूरी तरह ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों ने अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका दिया है।
एक आंकड़ा जारी करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.2 फीसदी रही थी। अधिकांश रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी में गिरावट का अनुमान जताया था। बता दें, सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन का एलान किया था। केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल के बाद कुछ निश्चित आर्थिक गतिविधियों में लॉकडाउन से ढील देने की शुरुआत की थी. वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ी
आइए नजर डालते हैं पिछली तिमाहियों में GDP ग्रोथ पर
Q1FY21: (-)23-9%
Q4FY20: 3.1%
Q2FY20: 4.5%
Q3FY20: 4.7%
Q1FY20: 5%
(Source: CSO)
मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले, आने वाली तिमाहियों में होगा बेहतर प्रदर्शन
एक और जीडीपी लगातार धड़ाम हो रही है तो दूसरी ओर मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रहमणियन का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट का मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए लगाया गया कड़ा लॉकडाउन है। आने वाली तिमाहियों में देश बेहतर प्रदर्शन करेगा. कई क्षेत्रों में ‘वी’ आकार (ग्राफ चार्ट पर अंग्रेजी के वी अक्षर की भांति) का तेज सुधार देखा जा रहा है।
पूरे वित्त वर्ष में इतनी गिरावट दर्ज होने के आसार
इस तिमाही में इतनी बड़ी गिरावट के बाद पूरे वित्त वर्ष पर होने वाली गिरावट की कल्पना की जाने लगी है और एक्सपर्ट बताते हैं कि पूरे वित्त वर्ष में लगभग 10 फीसद अर्थव्यवस्था के नीचे जाने की संभावना है जो कि एक बहुत बड़ा अनुमान हो सकता है अगर ऐसा हुआ तो भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ी हानि होने वाली है जिस से बचने के लिए पहले ही हमें कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं उद्योग जगत ने कहा कि विभिन्न सुधारों, 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज और रिजर्व बैंक के उपायों से आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरुद्धार होने की उम्मीद है।
क्या है GDP, कैसे होती है गणना?
किसी देश में 1 साल के अंदर जितने भी तरह के सामान्य सेवा मूल्य होते हैं उनके पूरे आंकड़ों को मिलाकर जीडीपी का रूप दिया जाता है जिसे हम सकल घरेलू उत्पाद भी कहते हैं यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होता है देश कितना आगे जाएगा यह कितना विकसित होगा यह जीडीपी पर आधारित होता है जीडीपी की गणना केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय करता है साल में 4 बार जीडी की जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाते हैं इनमें चार घटक कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स शामिल होते है।
जीडीपी की गणना के लिए NSO देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से आंकड़े प्राप्त करता है. इनमें कृषि, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, विद्युत, गैस सप्लाई, माइनिंग, वानिकी एवं मत्स्य, क्वैरीइंग, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज और कम्युनिटी के अलावा सोशल व सार्वजनिक सेवाएं शामिल है।