नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से विधि आयोग के समक्ष देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने की पैरवी किए जाने पर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि अगर वह ऐसा चाहते हैं तो लोकसभा को समयपूर्व भंग करें और फिर आगामी विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव भी कराएं।
शाह के पत्र को नाटक दिया करार
विधि आयोग को लिखे शाह के पत्र को ‘नाटक’ करार देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा, ‘शाह का पत्र कुछ नहीं, बल्कि राजनीतिक फायदा हासिल करने का स्टंट है। भाजपा हार के डर से यह नाटक कर रही है।’ गहलोत ने चुनौती देते हुए कहा, ‘भाजपा और प्रधानमंत्री चाहें तो राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है उनके साथ लोकसभा चुनाव करवाएं।
पीएम पर लगाए आरोप
साथ ही इस दौरान गहलोत ने कहा कि इसके लिए लोकसभा को समयपूर्व भंग किया जाए।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह से घबराए हुए हैं। अगर संविधान संसोधन कर वह एकसाथ चुनाव करवाना चाहते हैं तो करवाए, कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है।’ कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तन्खा ने कहा कि अगर सरकार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को टालने का प्रयास करती है तो कांग्रेस उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
शाह ने लिखा था पत्र
आपको बता दें कि भाजपा अध्यक्ष शाह ने विधि आयोग के प्रमुख को पत्र लिख कर कहा है कि ‘एक देश एक चुनाव’ से खर्चों पर लगाम लगाने एवं देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी। वहीं इससे पहले भी पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अनुरोध करते हुए कहा था कि सभी पार्टियों को इस कदम में सहयोग की मांग की है।
by ankit tripathi