स्ट्रोक, पक्षाघात व पैरालाइज वैश्विक स्तर पर अत्यधिक मौत एवं विकलांगता का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। वैश्विक अध्ययन में विज्ञानिकों ने पाया है कि स्ट्रोक, पक्षाघात व पैरालाइज से पहले व्यक्ति करीब घंटे भर से अधिक समय से क्रोधित होता है या वो अवसाद में चला जाता है।
स्ट्रोक के लक्षण
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अत्यधिक सर में दर्द
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बोलने में परेशानी
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शारीरिक अंगों में अचानक परेशानी
आपको बता दें नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ आयरलैंड द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक 20 में से एक स्ट्रोक पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक परिश्रम व शारीरिक श्रम के कारण पैरालाइसिस का शिकार हुआ है।
ग्लोबल इंटर स्टॉक स्टडी एक रिसर्च के मुताबिक गंभीर पैरालाइसिस के 13462 मामलों का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में आयरलैंड समेत 32 देश शामिल थे।
वहीं डॉक्टरों की प्राथमिकता की बात करें तो इस मामले में रोकथाम के लिए उन्नत तकनीक के बावजूद भी पैरालाइसिस होने का पूर्व अनुमान लगाना मुश्किल है। हालांकि अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि आखिर किन वजहों से पैरालाइसिस का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
स्ट्रोक का रोकथाम
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लगातार डॉक्टरों की सलाह लें
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स्वस्थ एवं सक्रिय जीवनशैली अपनाएं
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रक्तचाप पर नियंत्रण रखें
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वजन कंट्रोल में बनाए रखें
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भोजन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रखें।
शोधकर्ताओं के मुताबिक भावनात्मक परेशानी के कारण पैरालाइसिस का खतरा 30% अधिक बढ़ जाता है। साथ ही अध्ययन में यह भी ज्ञात हुआ है कि अत्यधिक शारीरिक परिश्रम एवं तनाव के कारण भी 60% पैरालाइसिस का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि जिन व्यक्तियों का बॉडी मास इंडेक्स सामान्य रहता है उनमें पैरालाइसिस व स्ट्रोक का खतरा कम होता है।