नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय चुनाव हो रहे हैं। जिसके चलते सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा मतदाता मतदान करें और सहीं नेता को चुनें। इसी बीच चुनाव आयोग की तरफ से एक बड़ी खबर आ रही है। चुनाव आयोग ने अप्रवासी भारतीयों (NRI) को डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) के माध्यम से मतदान करने की इजाजत देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह एक ऐसा कदम है, जिसे कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के संशोधन के माध्यम से लागू किया जा सकता है। वहीं इसके लिए संसद की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि मौजूदा प्रक्रिया में एनआरआई को अपने मतदान केंद्र पर ही मतदान किए जाने की सुविधा है।
लगभग 1 करोड़ भारतीय एनआरआई कर सकेंगे मतदान-
बता दें कि चुनाव आयोग (EC) ने अप्रवासी भारतीयों (NRI) को डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) के माध्यम से मतदान करने की इजाजत देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते कानून मंत्रालय को कहा है कि अगले साल होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के लिए एनआरआई मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलट सिस्टम (ETPBS) का विस्तार करने के लिए तकनीकी रूप से और प्रशासनिक रूप से आयोग तैयार है। फिलहाल विदेश में रहने वाले भारतीय मतदाता केवल अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में अपना वोट डाल सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुमानित एक करोड़ भारतीय हैं जो विदेशों में रहते हैं। इनमें से लगभग 60 लाख मतदान की आयु के पात्र हो सकते हैं। वहीं ईटीपीबीएस वर्तमान में केवल सर्विस मतदाताओं के लिए उपलब्ध है। इस प्रणाली के तहत डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा जाता है और साधारण मेल के माध्यम से लौटाया जाता है।
इस तरह होगा एनआरआई का मतदान-
चुनाव आयोग के प्रस्ताव में कहा गया है कि पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने के इच्छुक किसी भी एनआरआई को चुनाव की सूचना के कम से कम पांच दिन बाद रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को सूचित करना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की जानकारी मिलने के बाद आरओ इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैलेट पेपर को भेज देगा। इसके बाद एनआरआई मतदाता मतपत्र पर अपनी वरीयता को अंकित करेगा और इसे उस देश के राजनयिक या काउंसुलर प्रतिनिधि के जरिए नियुक्त एक अधिकारी द्वारा घोषित घोषणा पत्र के साथ वापस भेज देगा, जहां का एनआरआई निवासी है। जानकारी के मुताबिक अगर सरकार से चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलट के जरिए एनआरआई वोट डाल सकते हैं।