उत्तराखंड। आज के टेक्नोलॉजी के दौर में सबकुछ आॅनलाइन हो गया है। आजकल ज्यादातर काम घर बैठै आसानी से ई-ऑफिस के द्वारा किए जा सकते हैं। किसी पैसे, शॉपिंग करना आदि काम घर बैठे ई-ऑफिस के माध्यम से हो जाते हैं। जिसके चलते उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा राज्य सचिवालय के सभी अनुभाग में 25 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से ई-ऑफिस के रूप में कार्य शुरू करेन के निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव कार्मिक और सचिव आईटी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव व शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि सचिवालय के अनुभागों के कामकाज में तेजी लाने के लिए ई-ऑफिस की व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू किया जाए। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उत्तराखंड की उन्नति के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और नई-नई योजनाओं को लागू करते रहते हैं।
जल्द ही सचिवालय के सभी अनुभागो में शुरू होगा ई-ऑफिस
बता दें कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सुशासन दिवस 25 दिसम्बर तक सचिवालय के सभी अनुभाग ई-ऑफिस के रूप में कार्य करना सुनिश्चित करें। इसके लिये प्रशिक्षण एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता कार्मिक और आइटी विभाग द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सचिव आईटी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभागाध्यक्षों को भी नियमित रूप से विभागीय समीक्षा कर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के लम्बित प्रकरणों को जल्द निस्तारित करने के निर्देश देते हुए सचिव वित्त को बैंकर्स के साथ बैठक करने को कहा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्वरोजगार योजनाओं, स्कूलों आदि का भी निरीक्षण करने को कहा। बैठक में मुख्य सचिवओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन आदि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने जिलों के प्रभारी सचिवों को इस माह के अंत तक जिलों का भ्रमण कर योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। प्रभावी सचिव भ्रमण के दौरान जिलों में ग्रोथ सेंटरों का भी निरीक्षण करेंगे।
जल्द हो लंबित दाखिल खारिज का निस्तारण-
मुख्यमंत्री ने दिसम्बर में होने वाले अपने जनपद प्रवास से पूर्व दोनों मंडलायुक्तों को विधानसभा क्षेत्रवार योजनाओं की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं। कहा कि जनपद प्रवास कार्यक्रम का सख्ती से अनुपालन हो और किसी भी तरह की कोताही बदर्शत नहीं होगी। इसके साथ ही जन समस्याओं के त्वरित समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सीएम डेस बोर्ड पर उपलब्ध विवरण को भी पब्लिक डोमेन में डालने की कार्यवाही को तेज गति से करने के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दाखिल खारिज के मामले बड़ी संख्या में लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि लम्बित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के साथ ही जिन वादों के नोटिस जारी किए जा चुके हैं उनका निस्तारण भी 25 दिसम्बर तक हर हाल में कर लिया जाए। उन्होंने डीएम एवं एसडीएम को नियमित रूप से अपनी कोर्ट संचालित करने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से पिछले तीन माह में उनके द्वारा निस्तारित मामलों का विवरण भी देने को कहा है।