Diwali 2022: दिवाली हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के बाद वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
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एक अन्य मान्यता है कि दिवाली के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस कारण इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जबकि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी का विवाह हुआ था। दिवाली की शाम को उत्तम मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है। जानें अन्य खास बातें-
दिवाली लक्ष्मी मुहूर्त 2022-
- दीपावली 2022 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
- लक्ष्मी पूजन की अवधि 1 घंटा 23 मिनट की है।
- प्रदोष काल – 05:43 पी एम से 08:16 पी एम तक।
- वृषभ काल – 06:53 पी एम से 08:48 पी एम तक रहेगा।
दिवाली शुभ मुहूर्त
इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन ही है लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी इसलिए दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। 24 अक्टूबर को दिवाली का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है।
दिवाली पूजन में इन चीजों को करें शामिल
दिवाली पूजन में शंख, कमल का फूल, गोमती चक्र, धनिया के दाने, कच्चा सिंघाड़ा, मोती व कमलगट्टे का माला आदि शामिल करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजन मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022
- सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चर) : 17:29 से 19:18 मिनट तक
- रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) : 22:29 से 24:05 मिनट तक
- रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चर ) : 25:41 से 30:27 मिनट तक
नरक चतुर्दशी का मुहूर्त- 24 अक्तूबर
- अभ्यंग स्नान समय: 05:04 से 06:27 मिनट तक
- अवधि :1 घंटे 22 मिनट
पूजन विधि
- दिवाली के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें। इसके साथ ही रंगोली और मुख्य द्वार में तोरण लगा लें।
- शाम के समय उत्तर-पश्चिम दिशा में एक चौकी रखें और उसमें सफेद या पीले रंग से रंग लें। इसके बाद इसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें।
- अब चौकी में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर दें। आप चाहे तो मां सरस्वती की मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं।
- चौकी के पास एक मिट्टी या पीतल के कलश में जलभर कर रख दें और उसके ऊपर आम के पत्ते रखकर कोई कटोरी रख दें।
- अब पूजा आरंभ करें। सबसे पहले सभी देवी देवताओं का आह्वान करके जल अर्पित करें। इसके बाद फल, माला, मौली, जनेऊ, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत आदि अर्पित करें।
- अब एक-एक पान में 2 लौंग, बाताशा, 1 सुपारी और 2 इलायची के साथ एक रुपए का सिक्का रखकर चढ़ादें। इसके साथ ही लाइया, गट्टा, खिलौना आदि के साथ मिठाई चढ़ा दें।
- भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाने के साथ 5 अन्य दीपक जलाएं और सभी के सामने रख दें।
- अब लक्ष्मी स्तुति, चालीसा और मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान गणेश की आरती सहित अन्य आरती कर लें।
- अंत में आचमन करने के बाद भूलचूक के लिए माफी मांग लें।
- महालक्ष्मी की पूजा करने के बाद वाहन, बही खाता, तिजोरी, पुस्तक, बिजनेस संबंधी चीजों की पूजा कर लें और फिर पूरे घर को दीपक से सजा लें।
- दिवाली में माता लक्ष्मी का आगमन अपने घर में या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कराना चाहते हैं तो श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के प्रथम श्लोक को पढ़ना चाहिए।