नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के 10 स्टेशनों को कैशलेस बनाने की योजना फिलहाल ठप हो गई है। दरअसल इस योजना के शुरू होने से पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए पेटीएम को इसका ओपन टेंडर दिये जाने पर जांच की मांग की थी।
डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्योंकि मेट्रो के रोजाना ट्रांसेक्शन बड़े पैमाने पर होते हैं। ऐसे में पेटीएम जैसी ई-वॉलेट कंपनियों का ऐप्प मौजूदा रुप में इस्तेमाल के लायक नहीं है। इससे पहले डीएमआरसी ने बताया था कि जल्द ही कई और भी ई-वॉलेट कंपनियों को इस पहल से जोड़ा जाएगा। जबकि पेटीएम को यह ठेका टेंडर की एक खुली प्रक्रिया के जरिये दिया गया था। डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो कैशलेस भुगतान की योजना से पीछे नहीं हटी है। दिल्ली मेट्रो वर्ष 2002 से ही स्मार्ट कार्ड जारी करके कैशलेस भुगतान को बढ़ावा दे रही है।
जानिए रुक-रुक कर क्यों चली दिल्ली मेट्रो
बता दें, 23 दिसम्बर को डीएमआरसी ने एक जनवरी से 10 मेट्रो स्टेशन को पूरी तरह से कैशलेस करने की घोषणा की थी। तब डीएमआरसी का दावा था कि यात्री पेटीएमम के माध्यम से टोकन भी खरीद सकेंगे और नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना भुगतान भी कर सकेंगे। डीएमआरसी ने यह भी कहा था कि पेटीएम के अलावा अन्य एजेंसियों के ई-वॉलेट को भी इस सिस्टम से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो पर पेटीएम के प्रचार-प्रसार का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने मामले की जांच कराने की भी बात कही थी।