बीजापुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सीआरपीएफ के जवान ग्रामीणों का विश्वास जीतने आए दिन नई-नई कोशिशें कर रहे होते हैं. अब तो जवानों ने ग्रामीणों को देश भक्ति और सामाजिक सरोकार रखने वाली फिल्में दिखाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और ग्रामीणों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ओपन थियेटर ही खोल दिया है. जवानों का मानना है कि इस पहल से ग्रामीणों को काफी फायदा होगा. बस्तर नाम सुनते ही नक्सलियों के साथ ही यहां पदस्थ जवानों की एक छवि जेहन में उभर आती है. एक तरफ नक्सली ग्रामीणों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार की तमाम कोशिशों को असफल करते हैं.
वहीं दूसरी तरफ इन्ही नक्सलियों से लोहा लेने बस्तर में तैनात किए गए जवान कभी ग्रामीणों का इलाज करते या फिर कभी सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते नजर आते हैं. यहां तैनात किए गए सुरक्षाबल के जवानों में सीआरपीएफ भी शामिल हैं, जो आए दिन उन पर लग रहे तमाम आरोपों के बावजूद आधुनिकता से दूर आदिम जिंदगी जी रहे ग्रामीणों की छोटी बड़ी जरूरतों पूरी करते नजर आते हैं.
बीजापुर के सारकेगुडा में सीआरपीएफ ने ग्रामीणों के लिए अब एक ओपन थियेटर ही खोल दिया है. सारकेगुडा के लोग आज तक टीवी नहीं देख पाए थे. मगर अब सीधे वो ओपन थियेटर में फिल्म देखने लगे हैं. इस ओपन थियेटर में सारकेगुडा के साथ ही राजपेटा, कोरसागुडा, चिपुरबटटी, लिंगागिरी और धरमापुर गांव के लोग भी फिल्में देखने आ रहे हैं. सीआरपीएफ 168 बटालियन के कमांडेंट वीके चैधरी का कहना है कि इस ओपन थियेटर में ग्रामीणों को देशभक्ति, सामाजिक सरोकारिता से जुड़ी फिल्म और सरकार की योजनाओं से जुडी शाॅर्ट फिल्में दिखाकर उनमें जागरूकता लाने और समाज मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों के मनोरंजन का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. सीआरपीएफ का कहना है कि ऐसी कोशिशों से सुरक्षा बल के जवानों पर ग्रामीणों का विश्वास भी बढ़ता है.