इस वक्त सभी देश कोरोना की वैक्सीन तलाश करने में जी जान से मेहनत कर रहे हैं। कई दवाईयों का ट्रायल भी किया गया है। ले
नई दिल्ली। इस वक्त सभी देश कोरोना की वैक्सीन तलाश करने में जी जान से मेहनत कर रहे हैं। कई दवाईयों का ट्रायल भी किया गया है। लेकिन अभी तक कोई भी दवाई कोरोना के इलाज के लिए सटीक नहीं बैठी है। वहीं भारत में जाइडस कैडिला की वैक्सीनों का अगल-अलग राज्यों के 6 शहरों में इंसानों पर परीक्षण चल रहा है। वहीं ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कैंडिंडेट का ट्रायल भी जल्द शुरू हो सकता है।
बता दें कि कोरोना की वैक्सीन भारत बायोटेक और जाइडस को क्लीनिकल ट्रायल के फेज-1 और 2 के लिए इजाजत मिली थी। दोनों ने ही 15 जुलाई को अपनी-अपनी डोज का ट्रायल किया था। बता दें कि संभावित वैक्सीन को कैंडिडेट कहा जाता है। लेकिन जैसे ही ये वैक्सीन ट्रायल में पास हो जाएगी और जब उसे ट्रायल के बाद फाइनल मंजूरी मिल जाएगी उसके बाद वो पूरी तरह से कोरोना की वैक्सीन कहलाएगी।
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वहीं देश में कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल के लिए दिल्ली के एक 30 साल के युवक को डोज दी गई है। व्यक्ति को एम्स में भारत बायोटेक के कोवाक्सीन का इंजेक्शन दिया गया है। ये दिल्ली का पहला युवक है जिस पर 0.5 मिलीमीटर वैक्सीन का टीका लगाया गया है। दिल्ली एम्स के डॉक्टर का कहना है कि जिस शख्स पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया है उसे 2 घंटे निगरानी में रखा गया था। लेकिन उसका अभी तक कोई साइड इफ्केट नहीं देखा गया है। उन्होंने बताया कि वॉलंटियर को अब घर भेज दिया गया है। दो दिन बाद फिर उनकी सेहत देखी जाएगी और जरूरी मेडिकल चेकअप किया जाएगा।