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अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर किया मजबूर

कारगिल पर पाकिस्तान को दिया जबाव अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर किया मजबूर

नई दिल्ली।  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया है। इन चुनौतियों में से ही एक था कारगिल का युध्द। जिस पर अटल ने पाकिस्तान तो करारा जवाब दिया और पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। वाजेपयी 19 फरवरी 1999 को शांति की पहल करते हुए बस लेकर लाहौर पहुंचे और इसी वर्ष मई में भारत को कारगिल की जंग तोहफे में मिली। पाक के साथ शांति की कोशिशों के बदले वाजपेयी को एक के बाद संकटों का सामना करना पड़ा।

अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर किया मजबूर
कारगिल युद्ध

भारत और पाकिस्‍तान की सेनाएं आमने-सामने

कारगिल का युद्ध फिर, कंधार हाइजैक और फिर संसद पर हमला। लेकिन इतनी चुनौतियां भी उनके मनोबल को छू नहीं सकी। हर बार उन्‍होंने असाधारण नेतृत्‍वकर्ता का परिचय दिया और संकट से देश को बाहर निकाला। हर तरह के दबाव में भी वाजपेयी दृढ़ रहे और उनकी इसी दृढ़ता का एक किस्‍सा कारगिल युद्ध से भी जुड़ा हुआ है।आपको बता दें कि सन 1999 में कश्‍मीर के कारगिल में भारत और पाकिस्‍तान की सेनाएं आमने-सामने थीं तो अमेरिका की तरफ से पाकिस्‍तान का पक्ष लेने वाली कई तरह की कूटनीतिक चालों को खेला जा रहा था। पाकिस्‍तान, अमेरिका के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों में था। लेकिन पाकिस्तान के इस दबाव के बाद भी अजल जी अपनी बात पर अड़िग थे कि पाकिस्‍तान को अपनी सेनाओं को वापस बुलाना पड़ेगा और वाजपेयी के इन्‍हीं इरादों ने नवाज को भी झुकने पर मजबूर कर दिया था।

जवानों की किया हौसला अफजाई

कारगिल युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस तरह से जवानों की हौसला अफजाई और कूटनीति का परिचय दिया वह काबिल-ए-तारीफ था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत की और उन्हें जमकर लताड़ा था कि एक तरफ तो आप मुझे लाहौर बुलाकर स्वागत करते हो और दूसरी तरफ युद्ध छेड़ दिया, यह बेहद बुरा है।

इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि फिलहाल हमारा नियंत्रण रेखा को पार करके जाने का कोई इरादा नहीं है। हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं और पाकिस्तान की सेना बाहर जा रही है। नवाज साहब मुझसे मिले थे मैंने उनसे कहा जब तक पाकिस्तान कारगिल की उस भूमि को पूरी तरह से खाली करके नहीं जाता हम बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। इसी के साथ अटलजी ने कहा था कि हम हर एक परिस्थित के लिए तैयार हैं।

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