कोरोना का कहर पिछले 6 महीनों से पूरी दुनिया पर टूट रहा है। लाख कोशिश करने के बाद भी कोरोना की कोई दवाई नहीं बन पायी है। जिसकी वजह से लोगों पर ये संक्रमण फैलता जा रहा है। और मौतें भी बढ़ती जा रहीं हैं।लेकिन इस बीच एक दिल को राहत देने वाली खबर सामने आयी है। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मॉलिक्युलर मेडिसन ऐंड बायोटेक्नॉलजी विभाग के पूर्व प्रफेसर डॉ. मदन मोहन गोडबोले का अनुमान है कि अब कोरोना वायरस अपनी कमजोर स्थिति में पहुंच रहा है। भले ही इसका प्रकोप और मरीजों की संख्या बढ़ेगी, पर मौतें उतनी नहीं होंगी।
स बीच लोगों को यह डर सता रहा है कि अब अनलॉक-1 शुरू होंने के बाद क्या होगा। लोगों की भीड़ सड़क-दफ्तरों में बढ़ रही है तो क्या संक्रमण और मौतों की संख्या बढ़ सकती है। वह कहते हैं कि अगर हम इवॉल्यूशन थ्योरी पर गौर करेंगे तो कम परेशान होंगे।प्रोफेसर गोडबोले का कहना है कि, अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कम खतरनाक वायरस ज्यादा खतरनाक वायरस पर हावी हो जाते हैं।
इसके बाद केवल कम खतरनाक वायरस बचता है। भले ही उसके संक्रमण के प्रसार की तादाद ज्यादा मरीजों में दिखे, लेकिन वह ज्यादा नुकसान किए बिना चला जाता है।
एकबार शरीर में दाखिल होने के बाद वह लोगों में प्रतिरक्षण क्षमता भी पैदा करता है। इससे मनुष्य भी भविष्य में वायरस से बेअसर हो जाते हैं। प्रफेसर गोडबोले का अनुमान है कि अब नए केस तो खूब बढ़ेंगे लेकिन उनसे होने वाली मौतें उतनी नहीं होंगी।
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यही कारण है कि, कोरोना के मरीज तो बढ़ेंगे लेकिन मरेंगे नहीं। फिलहाल देश के साथ दुनिया की स्थिति बहुत खराब चल रही है। कोरोना से सबसे ज्यादा मौंतें अमेरिका में हुई हैं। अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर चुका है। तो वहीं संक्रमित लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।