कोरोना संकट के चलते सोनू सूद की पहल को लेकर हर कोई उनकी तारीफ करने को मजबूर है।
मुंबई: कोरोना संकट के चलते सोनू सूद की पहल को लेकर हर कोई उनकी तारीफ करने को मजबूर है। दरअसल सोनू सूद ने मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का बीड़ा उठाया हुआ है। जिसके चलते सोनू ने अब तक हजारों मजदूरों को उनके घर पहुंची दिया है। सोनू के इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है। वहीं शिवसेना को सोनू सूद का ये काम पच नहीं रहा है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में सोनू सूद के मदद कार्य को लेकर सवाल उठाए हैं। संजय राउत ने इसके लिए बीजेपी पर निशाना साधा है। वहीं बीजेपी ने संजय राउत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
#Corona के संकट काल में इंसानियत के नाते #मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले @SonuSood पर @rautsanjay61 का बयान दुर्भाग्यपूर्ण खुद की सरकार #Corona से निपटने में नाकाम हो गई ?यह सच्चाई सोनू सूद पर आरोप करके छुप नहीं सकती जिस कामकी सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?
— Ram Kadam (@ramkadam) June 7, 2020
बता दें कि शिवसेना ने सोनू सूद के काम पर सवाल उठाते हुए कहा कि अचानक लॉकडाउन मे सोनू सूद नाम का एक महात्मा तैयार हो गया। इतने झटके और चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है? राउत ने प्रवासी मजदूरों को बस में भेजने के लिए आये पैसों पर सवाल उठाते हुए सोनू सूद को बीजेपी का मुखौटा बताने की कोशिश की है।
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वहीं बीजेपी नेता राम कदम ने संजय राउत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कदम ने अपने ट्वीट में लिखा- “Corona के संकट काल में इंसानियत के नाते मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले सोनू सूद पर संजय राउत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। खुद की सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम हो गई? यह सच्चाई सोनू सूद पर आरोप लगाकर छुप नहीं सकती। जिस काम की सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?”
अभिनेता सोनू सूद ने कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी टीम अब तक 16-17,000 प्रवासी मजूदरों को उनके घर पहुंचा चुकी है. उनका लक्ष्य 40-50 हजार श्रमिकों या उससे भी ज्यादा को घर पहुंचाना है. उन्होंने ने बताया था कि उनकी टीम दिन रात लोगों की लिस्ट तैयार करने में लगी हुई है.